चोरी चोरी कर रहा था ये कामः अस्पताल की इमरजेंसी से हो गया खुलासा

लेकिन परिजन वहां रूकने के बजाय सीधे अम्बेडकरनगर आ गये तथा 23 जुलाई की शाम लगभग तीन बजे उसे जिला अस्पताल की इमरजेन्सी में भर्ती करवा दिया।

Update:2020-07-25 16:28 IST

अम्बेडकरनगर: जिला चिकित्सालय की इमरजेन्सी में कोरोना से संक्रमित व्यक्ति दो दिन से भर्ती होकर इलाज कराता रहा। लेकिन चिकित्सालय प्रशासन को उसके कोरोना संक्रमित होने की भनक तक नही लग सकी। जानकारी होने के बाद जिला चिकित्सालय में हड़कम्प मच गया तथा उसे लखनऊ भेजे जाने की व्यवस्था की गई लेकिन संक्रमित व्यक्ति के परिजन न तो उसे कोरोना से संक्रमित मानने को तैयार थे और ना ही उसे लखनऊ लेकर जाने को तैयार थे। यहां तक कि वे चिकित्सक से भी लड़ने को तैयार हो गये।

पुलिस ने लखनऊ भेजवाया

हालांकि शनिवार को दोपहर बाद पंहुची पुलिस ने उसे किसी तरह से एम्बुलेंस से लखनऊ भेजवाया। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के चुपके से इलाज कराए जाने के कारण इमरजेन्सी में भर्ती मरीज, कर्मचारी व चिकित्सक परेशान हैं। बावजूद इसके इमरजेन्सी सेवा अभी भी चालू है। जहांगीरगंज निवासी सलगूराम 55 को इलाज के लिए कानपुर ले जाया गया था। फालिज की बीमारी के कारण 21 जुलाई को कानपुर में उसकी कोरोना की जांच करायी गयी।

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लेकिन परिजन वहां रूकने के बजाय सीधे अम्बेडकरनगर आ गये तथा 23 जुलाई की शाम लगभग तीन बजे उसे जिला अस्पताल की इमरजेन्सी में भर्ती करवा दिया। इधर 22 जुलाई को सलगूराम की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी तलाश तेज हो गयी। लेकिन न तो वह कानपुर में मिला और ना ही अपने घर। इससे प्रशासन परेशान हो गया। आखिरकार खोजबीन के दौरान 24 जुलाई की देर शाम चिकित्सालय प्रशासन को सलगूराम के जिला अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिल गयी।

परिजन नहीं हुए तैयार

इसके पूर्व उसकी बीमारी को देखते हुए 24 जुलाई की सुबह ही उसे लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया था। लेकिन परिजन ले जाने को तैयार नही थे। इमरजेन्सी के बेड संख्या 11 पर भर्ती सलगूराम के ही कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद उसे लखनऊ भेजने का प्रयास शुरू कर दिया गया। लेकिन उसके पुत्रों ने ले जाने के बजाय चिकित्सक से ही विवाद करना शुरू कर दिया।

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25 जुलाई की सुबह एक बार फिर सलगूराम को लखनऊ भेजने का प्रयास किया गया। लेकिन परिजन फिर तैयार नही हुए। अन्त में चिकित्सालय प्रशासन को पुलिस को सूचित करना पड़ा तथा पुलिस के कड़े रवैये के बाद परिजन उसे लखनऊ ले जाने को तैयार हुए। इस बीच उसका इलाज करने वाले चिकित्सक, कर्मचारियों व वार्ड में भर्ती मरीजों में कोरोना संक्रमण का डर समा गया है।

रिपोर्ट- मनीष मिश्र

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