मौजूदा दौर के यज़ीद हैं वसीम रिजवी, हुकूमत किनाराकशी करे वरना इलेक्शन में भुगतना पड़ेगा खामियाजा: मौलाना अदीब

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के मंगलवार के बयान पर शिया उलेमाओं में उबाल आ गया है। शिया मौलाना एवं जेएनयू के रिसर्च स्कालर मौलाना अदीब हसन रिजवी ने कहा कि वसीम रिजवी मौजूदा वक़्त के यज़ीद हैं। वो मुल्क में फित्ना (नफरत) फैला रहे, और क़ुरआनों शरीयत की रौशनी में फित्ना फैलाना क़त्ल (हत्या) से बड़ा जुर्म है।

Update: 2019-01-22 14:36 GMT

अमेठी: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के मंगलवार के बयान पर शिया उलेमाओं में उबाल आ गया है। शिया मौलाना एवं जेएनयू के रिसर्च स्कालर मौलाना अदीब हसन रिजवी ने कहा कि वसीम रिजवी मौजूदा वक़्त के यज़ीद हैं। वो मुल्क में फित्ना (नफरत) फैला रहे, और क़ुरआनों शरीयत की रौशनी में फित्ना फैलाना क़त्ल (हत्या) से बड़ा जुर्म है।

यह भी पढ़ें.....वसीम रिजवी की देवबंद का नाम बदलने की मांग से उलेमा खफा

मौलाना ने ये भी कहा कि वसीम रिजवी बदबख्त को हमारे उलेमा मिलकर कौम से बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाते? पूरी कौम मिलकर उनका सोशल बायकाट क्यों नहीं करती है? हमारे शिया, सियासी अफ़राद, मौजूदा हुकूमत पर इस बात का दबाव क्यों नहीं डालते कि वसीम रिजवी से हुकूमत किनाराकशी करे। वरना इलेक्शन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि वसीम रिजवी का अब तक का रिकार्ड रहा है कि वो जिसके साथ जुड़े उसकी हुकूमत चली गई। सबसे पहले सपा में थे तो मुलायम सिंह यादव दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनें। बीएसपी से जुड़े तो मायावती दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनी। सपा में फिर आए तो अखिलेश यादव दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनें। लगता है कि अब योगी जी भी दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते। इसलिए वसीम रिजवी को अपने साथ रखे हुए हैं।

Tags:    

Similar News