Amethi News: सरकारी अस्पताल में तड़पती रही महिला, प्राइवेट हॉस्पिटल में बची जान लेकिन बच्चे की मौत

Amethi News: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक गर्भवती महिला प्रसव कराने के लिए कई घंटों तक तड़पती रही। काफी गुजारिश और रिश्वत की डिमांड पूरा करने के बावजूद भी गर्भवती महिला का इलाज सरकारी अस्पताल में नही हुआ।

Update:2023-08-22 15:31 IST

Amethi News: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक गर्भवती महिला प्रसव कराने के लिए कई घंटों तक तड़पती रही। काफी गुजारिश और रिश्वत की डिमांड पूरा करने के बावजूद भी गर्भवती महिला का इलाज सरकारी अस्पताल में नही हुआ। थक हार कर महिला के परिजन एंबुलेंस की मांग किए उसके लिए भी अस्पताल वाले हाथ खड़ा कर दिए। तब गर्भवती महिला के परिजन टेंपो बुक करके निजी अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंचे, जहां उसे मृत बच्चा पैदा हुआ। मामले से संबंधित एक वीडीओ भी वायरल हो रहा है। वायरल वीडीओ को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ ने जांच कमेटी गठित कर दी है।

अमेठी जिले का स्वास्थ विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। जिले के जगदीश पुर सीएचसी पर बाहरी लोगों द्वारा इलाज करने का मामला अभी चल ही रहा था कि अस्पताल में एक और बड़ी लापरवाही सामने आ गई है। सूफिया बानो पत्नी जुबेर अहमद निवासी नामदार पुर वारिस गंज प्रसव कराने के लिए बीते रविवार को जगदीश पुर सीएचसी गई थी। जहां स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई।

महिला के परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाया है। गर्भवती महिला के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इलाज हो जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी।अस्पताल कर्मचारियों पर आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिला को बिना चेक किए ही बता दिया कि 4 दिन बाद प्रसव होगा। एक वीडीओ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे गर्भवती महिला के परिजनों और कुछ अन्य लोगो से बात चीत हो रही है।यह वीडीओ रविवार का बताया जा रहा है।

बोली पीड़िता की माँ

पीड़िता की मां चांद ने बताया कि हमारी लड़की के पेट में बच्चा था। सुबह तकलीफ होने के बाद हम लोग उसे लेकर जगदीशपुर सीएचसी अस्पताल पहुंचे थे। वहां पहुंचने के बाद वहां मौजूद स्टाफ द्वारा हमें वापस कर दिया गया ।उन लोगों ने बताया अभी 4 दिन का समय है। घर जाओ। हम लोग वहीं आसपास चक्कर लगाते रहे। जब तकलीफ ज्यादा होने लगी। हम लोग उसे लेकर फिर गये। हम लोग वहां मौजूद स्टाफ के सामने हाथ जोड़ते रहे रोते रहे यह कहते रहे हमारी बेटी को बचा लो लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने कहा हमारी ड्यूटी नहीं है। जिसकी ड्यूटी है। उसके पास जाओ इतनी बात के बाद जब हमारे लड़के ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया तब उन लोगों ने कहा जाओ वीडियो बनाकर जो करना है कर लो। हमारी ड्यूटी नहीं है ।हम लोग हाथ जोड़ते रहे हमने कहा हम मां है। हमारी बेटी को बचा लो। उसका इलाज कर दो लेकिन उन लोगों ने कहा जाओ जिसकी ड्यूटी है उसके पास जाओ उसको बुला कर लाओ ।इसके बाद एक मैडम और आई उन्होंने कहा तुमको जहां लेकर जाना है। जाओ हम इसके जिम्मेदार नहीं हैं।

उन्होंने हमारी बेटी की सास से ₹3000 मांगे हम लोग अपनी बेटी को बचाने के लिए पैसा देने के लिए भी तैयार हो गए लेकिन किसी ने हमारी बेटी को हाथ नहीं लगाया ना ही इलाज शुरू किया। हम लोगों ने कहा एंबुलेंस कर दीजिए हम लोग जामो लेकर चले जाएं लेकिन हमें एंबुलेंस भी नहीं मिली हम लोग टेंपो बुक करके अपनी बेटी को लेकर जामो प्राइवेट अस्पताल पहुंचे जहां मेरी बेटी का इलाज हुआ और उसकी जान बच सकी। हमारे पास एक पैसा नहीं है लेकिन अब बेटी की जान बचाने के लिए जो परेशानी उठानी पड़ेगी उठाएंगे। हम गरीब आदमी हैं ।इसीलिए हम सरकारी अस्पताल गए थे लेकिन वहां हमारा इलाज नहीं हुआ हमारी बेटी के गर्भ में बच्चा जगदीशपुर अस्पताल में दोपहर में ही खत्म हो गया था ।जांच करवाने के बाद भी उन्होंने इलाज नहीं किया और हमें घर भेज रहे थे। हम पूरा दिन वही रोते और परेशान होते रहे हम न्याय चाहते हैं।

पूरे मामले में सीएमओ अमेठी डा अंशुमान सिंह ने बताया कि वायरल वीडीओ को संज्ञान में लेकर मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। जांच के बाद मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी।

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