नई दिल्ली सीट को जीतने वाला बनता है सीएम: जानें, क्या है वजह...

नई दिल्ली विधानसभा सीट कई मायनों में अहम है। इस सीट से जीतने वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता है। ऐसे में इसकी अहमियत बहुत ज्यादा मानी जाती है।

Update: 2020-02-11 08:00 GMT

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा 2020 के मतगणना के साथ ही जीत की तस्वीर साफ़ होने लगी है। आम आदमी की जीत और अरविंद केजरीवाल के तीसरी बार सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा है। केजरीवाल खुद चुनाव मैदान में है और 21 हजार से ज्यादा मतों के साथ अन्य दलों के मुकाबले बढ़त पर हैं। गौरतलब है कि जिस विधानसभा सीट से सीएम केजरीवाल मैदान में खड़े हैं, वह दिल्ली की वीवीआईपी सीटों में से एक है। सबसे बड़ी बात ये हैं कि पिछले कई चुनावों में यहीं सीट दिल्ली को मुख्यमंत्री दे रही है।

नई दिल्ली सीट वीवीआईपी:

दिल्ली की अहम सीटों में से एक नई दिल्ली सीट से मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं। इसी सीट से अरविंद केजरीवाल पहले भी बहुमत से चुनाव जीत चुके हैं। एक बार फिर केजरीवाल इसी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे है।

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दिल्ली को मिलता है नई दिल्ली सीट से सीएम:

बता दें कि नई दिल्ली विधानसभा सीट कई मायनों में अहम है। इस सीट से जीतने वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता है। ऐसे में इसकी अहमियत बहुत ज्यादा मानी जाती है। गौरतलब है कि पिछले करीब 12 सालों में ये सीट दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री देने वाली सीट के तौर पर चर्चित रही है।

ये उम्मीदवार बने सीएम:

साल 2008 में इसी सीट से कांग्रेस की शीला दीक्षित जीती थीं। तब वह भी तीसरी बार दिल्ली की सीएम बनी। उन्होंने भाजपा के विजय जौली को हराया था।

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वहीं साल 2012 में दिल्ली की सियासत बदलने की कवायद शुरू हो गयी। कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी खड़ी हो गयी। अन्ना हजारे के जन आंदोलन के बाद गठित हुई आम आदमी पार्टी ने साल 2013 में दिल्ली के चुनाव मैदान से अपनी पारी शुरू की और जीत हासिल की।

उस दौरान भी इस वीवीआईपी सीट पर शीला दीक्षित के खिलाफ केजरीवाल खड़े थे। केजरी को 44,269 वोट यानि 53.46 फीसदी वोट मिले थे, जो एक रिकॉर्ड था। शीला को उनके मुकाबले केवल 18,405 वोट मिले थे। यहां से पहली बार केजरीवाल जीते और फिर सीएम बने।

दो बार इसी सीट से जीते केजरीवाल:

कांग्रेस के समर्थन पर उन्होंने 04 जनवरी 2014 में दिल्ली में सरकार बनाई, हालाँकि 45 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सरकार गिर गई।

इसके बाद वर्ष 2015 में दिल्ली में केजरीवाल रिकॉर्ड तोड़ते हुए सत्ता में आये। उन्होंने हर सीट से आप प्रत्याशियों को खड़ा किया और केजरीवाल खुद नई दिल्ली सीट से फिर चुनाव में खड़े हुए और जबरदस्त जीत का एक नया रेकॉर्ड बनाया।

बता दें कि नई दिल्ली सीट पहले गोल मार्केट के नाम से जानी जाती थी। लोकसभा चुनावों में भी ये नई दिल्ली सीट का हिस्सा होती है। साल 2008 में ये सीट पुर्नगठन आयोग द्वारा फिर से बनाई गई थी।

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