31 साल बाद मां से मिले ये महंत, राम मंदिर ट्रस्ट के हैं सदस्य

31 वर्ष पूर्व एक बेटा अपनी मां को यह बोल कर चला गया था कि वह कुछ बड़ा करके लौटेगा। मगर मां ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और आज जब वह लौटकर आया तो खुद में एक हस्ती दिखाई दिया

Update: 2020-09-02 20:42 GMT
कौशल तिवारी के आने की सूचना मानो बिजली की तार में फैलते करेंट की तरह फैलती चली गयी। देखते ही देखते सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचकर मुलाकात की।

औरैया: 31 वर्ष पूर्व एक बेटा अपनी मां को यह बोल कर चला गया था कि वह कुछ बड़ा करके लौटेगा। मगर मां ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और आज जब वह लौटकर आया तो खुद में एक हस्ती दिखाई दिया। मां को छोड़ कर गया बेटा आज राम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट का सदस्य है।

एरवाकटरा कस्बा के अंतर्गत पड़ने वाले ऐरवा टीकुर निवासी शीलता देवी ने जब आज कस्बा के श्री बूढ़े बाबा शिव मंदिर पर आज से 31 बर्ष पूर्व गए अपने सबसे बड़े पुत्र कौशल तिवारी को देखा तो फफक कर रोने लगीं जिसे देख मौके पर मौजूद कस्बावासियों की आंखे नम हो गयी।

मौके पर मौजूद राधेश्याम तिवारी ने बताया कि उनके भाई स्व रामप्रकाश तिवारी के बड़े पुत्र कौशल तिवारी आज से लगभग 31 वर्ष पूर्व घर छोड़कर चले गए थे जोकि आज श्री बूढ़े बाबा शिव मंदिर पर आकर सभी परिवारीजनों तथा कस्बावासियों से आकर मिले।

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कौशल तिवारी के आने की सूचना मानो बिजली की तार में फैलते करेंट की तरह फैलती चली गयी। देखते ही देखते सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचकर मुलाकात की। मौके पर मौजूद अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत कौशल किशोर जी महाराज ने अपनी जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि मैने कभी यह नहीं सोचा था कि हमारे पूज्नीय गुरुदेव महाराज अयोध्या जन्म भूमि मंदिर के महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज की कृपा इस प्रकार से मुझे मिलेगी। मैने अपना सारा जीवन प्रभू चरणों की सेवा करने के लिए गुरुदेव की शरण में गया था जिससे आज मैं जो कुछ भी हूं अपने गुरुदेव के आशीर्वाद एवं प्रभू चरणों की सेवा के कारण हूं।

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साथ ही साथ मौके पर मौजूद लोगों को प्रवचन देते हुए महाराज ने कहा कि लोगों को प्रभू से भक्ति अपने पुत्र समान करनी चाहिए। प्रभू को पाने की सबसे सरल रास्ता यही है। जिस प्रकार से पिता अपने पुत्र का हर पल ध्यान रखता है। उसी प्रकार मनुष्य को हर पल प्रभू चरणों मे ध्यान रखने की जरूरत है।

महंत कौशल किशोर दास महाराज की माता शीलता देवी ने रोते हुए बताया कि मेरा बड़ा बेटा कौशल लगभग पच्चीस बर्ष की आयु में घर छोड़कर कुछ बड़ा करने की कहकर चला गया था। मुझे कभी न खोजने की भी बोल गया था। आज लगभग 31 वर्ष बाद अपने पुत्र को देखकर बहुत ही हर्ष हुआ है। उनकी मां ने कहा कि आज मेरी सारी जिंदगी की पूजा पाठ का फल भोले नाथ ने दे दिया। मैं तो यही सोचती थी कि मेरे जीते जी कभी में कौशल को देख भी पाऊंगी या नहीं।

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इस अवसर पर प्रमुख रूप से महंत जी के दो भाई मनोज तिवारी, दिनेश तिवारी, राधा, रेखा, रामऔतार तिवारी, राधेध्श्याम, इंद्रप्रकाश, राजीव सक्सैना, बब्बी तिवारी, गंगादत्त, सुरेश चंद्र सैनी, पप्पू तिवारी, अखिलेश तिवारी, सत्यप्रकाश तिवारी समेत लगभग एक सैकड़ा लोग मौजूद रहे।

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