25 करोड़ रुपए खर्च कर बना भवन, फिर भी नहीं शुरू हो सका अध्ययन कार्य
जिसका विशाल भवन शरीर से अपंग छात्र छात्राओं को शिक्षित करने के लिए सन 2012 में इसको बनाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया था।
औरैया सरकार दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है मगर सही मानिटरिंग न के कारण वह व्यवस्थाएं सार्थक रूप से सामने नहीं आ पा रही। ऐसा ही एक मामला कंचौसी क्षेत्र में प्रकाश में आया जिसमें 25 करोड़ से बना विद्यालय छात्रों के आने का इंतजार कर रहा है।
मूक बधिर विकलांग विशेष
कंचौसी के पास हीरानगर गांव मे सार्वजनिक भूमि पर बन कर तैयार जिले का एक मात्र दिव्यांग जन मूक बधिर विकलांग विशेष माध्यमिक विद्यालय वर्षो से सूना पड़ा है। जिसका विशाल भवन शरीर से अपंग छात्र छात्राओं को शिक्षित करने के लिए सन 2012 में इसको बनाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया था। जिसको बनाने और निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग की थी।
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काफी बडे परिषर मे छात्र छात्राओ के बड़े क्लास रूम के साथ साथ अलग अलग छात्रावास, चार दीबारी, खेल मैदान, पानी की टंकी, सीढ़ी रेपदार, जीना, बिजली, रगाई, पुताई आदि काम पहले ही कराया जा चुका है। लेकिन दिव्यांगजनो को शिक्षा का काम अभी तक चालू नही हुआ है।
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निशुल्क वितरण कैम्प
साल मे एक दो बार समाज कल्याण विभाग अंपगजनों को ट्राई साइकिल, छड़ी, एव नेहरू युवक मंगल दल के सदस्यो को खेल के सामान आदि निशुल्क वितरण कैम्प लगा कर पूरे जिले से लाभार्थीयो को बुला कर आयोजन करता है लेकिन अभी कोरोना के समय कोई आयोजन नही हुआ है। जिस पर 25 करोड से अधिक रूपये सरकार द्वारा खर्च किये गए है। परिषर मे केवल दो गार्ड रखवाली कर रहे है लेकिन शिक्षा की शुरुआत होती अभी नही दिखाई दे रही है।
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रिपोर्टर प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया