UP Election 2022: अमेठी राजघराने का राजनीति में दखल, पुराना है इतिहास
UP Election 2022: अमेठी की राजनीति में राजपरिवार का पुराना इतिहास रहा है। अमेठी राजपरिवार का आजाद भारत में हुए पहले चुनाव में ही राजनीति में आगाज हो गया था।
Amethi News: अमेठी की राजनीति (politics of amethi) में राजपरिवार का पुराना इतिहास (history of royal family) रहा है। अमेठी राजपरिवार का आजाद भारत में हुए पहले चुनाव में ही राजनीति में आगाज हो गया था। पहली बार राजपरिवार के राजा रणंजय सिंह (Raja Ranjay Singh) निर्दलीय विधायक चुने गए थे। तब से उतार चढ़ाव के बीच अब तक राज परिवार का अमेठी की राजनीति में सीधा दखल बना हुआ है। इस समय महारानी गरिमा सिंह बीजेपी (BJP MLA Garima Singh) से अमेठी की विधायक है।
अमेठी राज घराने में आजाद भारत के बाद हुए चुनाव में राजनीतिक शुरुआत हो गई। अमेठी के राजा रणंजय सिंह ने 1969 में जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीता था। फिलहाल अगली बार वे पार्टी बदल कर 1974 में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लडे।इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज किया। वहीं राजा रणंजय सिंह 1962 से 1967 तक अमेठी से कांग्रेस के सांसद भी रहे। रणंजय सिंह कोई भी चुनाव नहीं हारे थे। रणंजय सिंह के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अमेठी नरेश डा संजय सिंह ने संभाल लिया।
डा संजय सिंह कांग्रेस से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की
अमेठी नरेश डा संजय सिंह कांग्रेस के टिकट से 1980 में कांग्रेस (Congress) से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत किया। 1985 में भी डा संजय सिंह ने कांग्रेस से चुनाव जीता। इस प्रकार वे 1989 तक अमेठी से विधायक चुने गए। 1989 में डा संजय सिंह जनता दल से एम एल ए का चुनाव कांग्रेस के हरिचरण यादव हार गए।अस्सी के दशक डा संजय सिंह का राजनीति में सिक्का चलता था।तत्कालीन सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं।
1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सिंह को टिकट दिया। डा संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव हरा कर लोक सभा पहुंच गए। अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी से पर्चा भरा और संजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। डा संजय सिंह 2003 में एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे। 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुल्तानपुर से जीत हासिल की। बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा दिया। लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
संजय सिंह की दूसरी पत्नी वर्ष 2002 में भाजपा से विधान सभा का चुनाव लड़कर चुनाव जीता। पुनः मध्यावधि चुनाव 2004 में कांग्रेस से चुनाव जीती।इसके बाद कांग्रेस से ही 2007 में चुनाव जीती।वर्ष 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के गायत्री प्रसाद प्रजापति से चुनाव हार गई।
महारानी गरिमा सिंह है अमेठी से विधायक
वही 2017 के चुनाव में संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह ने भाजपा से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत किया।जिसमे उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनाव हरा दिया। आगामी चुनाव 2022 में दावेदारी को लेकर राज परिवार फिर सक्रिय हो गया है। भाजपा से डा संजय सिंह की बहू शांभवी सिंह और उनके पुत्र युवराज अनंत विक्रम सिंह चुनाव के लिए दावेदारी कर चुके है।वही डा संजय सिंह की दूसरी पत्नी और खुद डा संजय सिंह के भी चुनाव लडने की चर्चा जोरों पर है।
फिलहाल अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया है चर्चा है कि राज परिवार को लेकर मंथन चल रहा है कि किसे कैंडिडेट के रूप में पेश किया जाए भाजपा अमेठी में भगवा लहराने में कामयाब हो सके।वर्तमान समय में राजपरिवार भारतीय जनता पार्टी में राजनीति कर रहा है। डा संजय और उनका पूरा परिवार भाजपा के सक्रिय है। महारानी गरिमा सिंह युवराज अनंत विक्रम सिंह और राजपरिवार की बहू शांभवी सिंह भी भाजपा में है।
संजय सिंह और उनकी पत्नी अमिता सिंह हार चुके है चुनाव
राज परिवार के अभी तक राजनीतिक सफर में डॉक्टर संजय सिंह और उनकी पत्नी अमिता सिंह चुनाव में हार का सामना कर चुकी है। अमेठी लोक सभा चुनाव परिणाम की गौर करें तो अमेठी नरेश संजय सिंह सोनिया गांधी से और विधान सभा के चुनाव में हरिचरण यादव से चुनाव हार गए थे।वही डा संजय सिंह सुल्तानपुर लोक सभा से मेनका गांधी से चुनाव हार गए थे।वही संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह अमेठी से दो बार चुनाव में हार का सामना कर चुकी है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे राजनीति में राज परिवार की क्या भूमिका रहती है। राज परिवार किस रूप से राजनीति में अपना प्रतिनिधित्व करेगा।फिलहाल भविष्य की राजनीति राज घराने की बहु शांभवी सिंह में देख रहे है।
अमेठी का हित राज परिवार में- अर्जुन पांडेय
अमेठी के जल पर्यावरण पर काम करने वाले डा अर्जुन पांडेय ने बताया कि राज परिवार की वजह से ही अमेठी आज सुरक्षित है। डॉक्टर संजय सिंह देश की राजनीति में पहली पंक्ति के नेता है । उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। भविष्य की राजनीति के सवाल पर डॉक्टर अर्जुन प्रसाद पांडे कहते हैं की डॉक्टर संजय सिंह खुद समझदार हैं उनको किसी से पूछने की जरूरत नहीं है अमेठी पिजन भावनाओं को देखते हुए निर्णय लेंगे।
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