Asaduddin Owaisi: योगी-मोदी के खिलाफ ओवैसी के बिगड़े बोल, बाराबंकी में दर्ज हुआ मुकदमा

Asaduddin Owaisi: असुद्दीन ओवैसी के खिलाफ यह मुकद्दमा धारा 144 का उल्लंघन, कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत यह मुकद्दमा दर्ज किया गया है।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Monika
Update: 2021-09-10 01:38 GMT

असदुद्दीन ओवैसी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Asaduddin Owaisi: चाय पार्टी के नाम पर प्रशासन से ली गयी अनुमति के बाद जनसभा करने के आरोप में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) पर देर रात बाराबंकी की सदर कोतवाली में मुकद्दमा दर्ज किया गया है। बताया यह गया है कि इस मामले में स्थानीय जिला प्रशासन चुप्पी साध गया था लेकिन जब दरियाबाद के विधायक सतीश चन्द्र शर्मा (Satish Chandra Sharma) ने इस मामले की शिकायत अपर मुख्य सचिव गृह (Additional Chief Secretary Home) से की तब बाराबंकी (Barabanki) प्रशासन हरकत में आया, उसके बाद नगर पुलिस चौकी प्रभारी हरिशंकर साहू की तहरीर पर ओवैसी के खिलाफ यह मुकद्दमा दर्ज कराया गया है।

असुद्दीन ओवैसी के खिलाफ यह मुकद्दमा धारा 144 का उल्लंघन, कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम सदर पंकज सिंह ने बताया कि ओवैसी बिना अनुमति के यह जनसभा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस जनसभा के माध्यम से ओवैसी ने माहौल को भड़काने का भी प्रयास किया है। एसडीएम ने बताया कि इस जनसभा के वीडियो व फुटेज एकत्र किए जा रहे हैं। इधर विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि चाय पार्टी के नाम पर की गई इस जनसभा में ओवैसी ने सीएम योगी (CM Yogi) पर रामसनेही घाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद करने का आरोप लगाया है जो बयान बरदाश्त के काबिल नहीं है। ये उनका बयान साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया गया।

चाय पार्टी के नाम पर ली मंजूरी

इस संदर्भ में बाराबंकी के डीएम ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजकों ने ओवैसी की चाय पार्टी के नाम पर मंजूरी ली थी लेकिन गत गुरुवार को बड़े मैदान में बकायदा मंच बनाकर जनसभा की गई। डीएम ने बताया कि कार्यक्रम में सिर्फ 50 लोगों के आने की अनुमति दी गयी थी लेकिन इस कार्यक्रम में सैकड़ो लोगों की भीड़ जमा हुई थी। इस जनसभा में लखनऊ समेत कई जिलों के लोगों ने हिस्सा लिया था। इस प्रकरण की सबसे खास बात तो यह है कि चाय पार्टी के नाम पर साउंड व लाउडस्पीकर लगा कर की जा रही ओवैसी की इस जनसभा को तत्काल जिला प्रशासन ने संज्ञान क्यों नहीं लिया? जब इस मामले की शिकायत विधायक ने अपर मुख्य सचिव गृह से की तब ही क्यो बाराबंकी जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान लिया? हमारे प्रशासनिक सूत्रों ने तो बताया है कि जिला प्रशासन से साँठ गांठ कर चाय पार्टी के नाम पर यह जनसभा आयोजित की जा रही थी।

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