Khul Gaye School: क्लास में कितने सुरक्षित आपके बच्चे, एक क्लिक में जानें हर जिले के स्कूलों का हाल
Khul Gaye School : जानिए आपके जिले में खुले स्कूलों का हाल। स्कूलों में छात्रों का कैसे हुआ स्वागत? बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन क्या उपाय कर रहा है?
Khul Gaye School: 7 महीनों का इंतजार खत्म हो गया। उत्तर प्रदेश में क्लास 1 से 5वीं तक के स्कूल आज से खुल गए हैं। इसके पहले क्लास 6 से 12वीं तक के छात्र स्कूल जा रहे थे, लेकिन आज से छोटे बच्चों ने भी स्कूल जाना शुरू कर दिया है। कोरोना संकट काल में लागू हुए लाॅकडाउन के बाद महीनों से घर में बंद बच्चे आज जब स्कूल पहुंचे तो कोरोना नियमों के पालन के साथ ही उनका प्रबंधन से जोर शोर से स्वागत किया। यूपी के कई जिलों से सरकारी और प्राईवेट स्कूलों से बच्चों और टीचरों की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसमें छात्रों के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा है।
जानिए आपके जिले में खुले स्कूलों का हाल। स्कूलों में छात्रों का कैसे हुआ स्वागत? बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन क्या उपाय कर रहा है?
बस्ती में बच्चे हंसते खिलखिलाते पहुंचे स्कूल
बस्ती के स्कूलों में सुबह-सुबह बच्चे हंसते-खिलखिलाते पहुंचे हैं। ग्रामीण इलाकों में पिछले काफी समय से लोग चाहते थे कि स्कूल खुलें लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार यह फैसला नहीं ले पा रही थी। लेकिन आज से बच्चों के लिए स्कूल खोले गए हैं। इसी क्रम में आज कप्तानगंज विकासखंड के विभिन्न प्राथमिक विद्यालय भी खोले गए। विद्यालय में प्रवेश के समय बच्चों का हाथ सेनेटाइज कराया गया। साथ ही बच्चों का चंदन टीका लगाकर उनका विद्यालय में स्वागत भी किया गया।
इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराते हुए शिक्षा देना शुरू किया। बता दें कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद बुधवार से परिषदीय विद्यालय एक बार फिर गुलजार हुए हैं। स्कूलों को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया है। वहीं बच्चों का स्कूल में शिक्षकों ने तिलक लगाकर स्वागत भी किया गया।
स्कूल खुलने से बच्चों के चेहरे खिले
जालौन: यूपी में लंबे समय के बाद हाईस्कूल जूनियर खुलने के बाद अब प्राइवेट और सरकारी के 1 से 5 तक के स्कूलों को खोला गया है। प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद आज फिर से स्कूलों में रौनक लौट आई। इसी क्रम में जालौन में भी स्कूल खोले गए हैं, जहां पर स्टूडेंट्स से लेकर टीचिंग स्टाफ तक सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं।
इससे पहले सरकार से मिले आदेश के अनुसार स्कूलों को साफ सफाई करने के बाद सेनेटाइज किया गया है। साथ ही स्कूल में थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही क्लास में स्टूडेंट्स को एंट्री दी गई। जालौन के जिला मुख्यालय उरई स्थित विद्यालयों में यह नजारा देखने को मिला। जिले में सरकारी व प्राइवेट कुल मिलाकर 1339 विद्यालय हैं। स्कूल खुलने से जहां स्टाफ खुश हैं, वहीं नन्हे-मुन्ने बच्चे भी काफी खुश दिखाई दिए।
स्कूलों में टीका लगाकर हुआ छात्रों का स्वागत, की गई थर्मल स्कैनिंग
अम्बेडकरनगर: कोरोना के चलते बंद प्राथमिक विद्यालय आज खुल गए हैं। कोरोना गाइडलाइन के तहत खुले स्कूलों में छात्रों का पहला दिन काफी ज्यादा दिलचस्प रहा। बच्चों के चेहरे पर स्कूल खुलने का अलग ही उत्साह दिखा। काफी संख्या में आज बच्चे स्कूल में उपस्थित रहे। टाण्डा शिक्षा क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय केशवपुर में छात्रों का स्वागत टीका लगाकर किया गया। यहां 258 बच्चों में से 120 आज उपस्थित रहे। वहीं, प्राथमिक विद्यालय केदारनगर में पहले छात्रों का थर्मल स्क्रीनिंग की गई और छात्रों को कोरोना गाइडलाईन के बारे में जागरूक किया गया।
शिक्षा क्षेत्र बसखारी के प्राथमिक विद्यालय रामपुर बेनीपुर के प्रधानाध्यापक दिनेश नारायण सिंह ने कहा कि बहुत समय से बच्चे विद्यालय से दूर थे। प्रत्यक्ष कक्षा कक्ष में शिक्षण कार्य करना शैक्षिक दृष्टि से अधिक उपयोगी होता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से तीसरी लहर की चर्चा समाज में चल रही है और उसके अक्टूबर माह में प्रभावी रूप से दिखाई पड़ने की बात कही जा रही है ऐसे में अभी कुछ दिन तक और विद्यालय में बच्चों को ना बुलाया जाता तो ज्यादा अच्छा रहता।
वहीं, अभिभावक दिलीप कुमार ने स्कूलों के खुलने पर कहा कि जिस तरह कोरोना का भय समाज में व्याप्त है, ऐसी स्थिति में बहुत ही अधिक सावधानी रखनी होगा। तीसरी लहर की चर्चा जोरों से है, ऐसे में छोटे बच्चों को विद्यालय में बुलाना बहुत उचित नहीं प्रतीत होता। कुछ दिन तक और सावधानी रखना चाहिए था। जबकि कुछ अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की बाधित शिक्षा को पुनः प्रारम्भ करना अच्छा है लेकिन कोविड-19 से बचाव के संसाधनों की उपलब्धता भी आवश्यक है।
मिर्जापुर: चेहरे पर मुस्कान लेकर स्कूल पहुंचे बच्चे, प्रिंसिपल ने धुलवाएं बच्चों के हाथ, लगवाया सेनिटाइजर
प्राथमिक विद्यालयों में छात्र छात्राओं का लगभग डेढ़ वर्ष बाद पाठशाला में मुस्कुराते हुए अपने अपने स्कूल पहुंचे। कोरोना के चलते बंद हुए स्कूल जब 18 महीने बाद खुले तो बच्चे एक बार फिर से हंसते खेलते अपने अपने स्कूल गए। इस दौरान कुछ बच्चो ने मास्क लगाया है तो कुछ बच्चे बिना मास्क लगाए ही स्कूल चले आए थे। मिर्जापुर के फतहां स्थित कंपोजिट विद्यालय मदन मोहन मालवीय जूनियर हाईस्कूल में कुल 55 छात्र छात्राएं पहुंचे।
मदन मोहन मालवीय जूनियर हाईस्कूल के छात्र विशाल ने बताया कि "स्कूल बंद था तो अच्छा नहीं लग रहा था, स्कूल में 4 दोस्त थे, पढ़ते थे, फल खाते थे, दूध पीते थे, घर में पढ़ाई नहीं करते थे, ऐसे घूमते रहते थे लेकिन वो अच्छा नहीं लगता था।" स्कूल खुल गया है अब हम अपने दोस्तों से मिले है। अच्छा लग रहा है। वही स्कूल की प्रधानाचार्य ने बातचीत में बताया कि काफी अच्छा लग रहा है। बच्चे अब स्कूल आ गए हैं तो सबको ऑफलाइन पढ़ाने में अच्छा लग रहा है। आज कम संख्या में बच्चे पहुंचे। मिड डे मिल में बच्चों को खिचड़ी दिया गया। बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
दूसरी तरफ मिर्जापुर जिले के नगर पालिका क्षेत्र के पक्का पोखरा इलाके में स्थित प्राथमिक विद्यालय में किसी बच्चे ने मास्क नहीं लगाया। शिक्षकों से पूछने पर उन्होंने बताया कि हम लोगों को दोनों डोज की वैक्सीन लग चुकी है, मास्क का निरंतर प्रयोग किया जा रहा है। बच्चों का स्कूल आते ही साबुन से हाथ धुलाया गया है, उसके बाद बच्चो को सैनिटाइज कराकर बच्चों को बिठाया गया है।
सोमवार को बुधवार को सत्र में पहली बार प्राइमरी स्कूल खुले तो शिक्षकों के साथ ही छात्रों और अभिभावकों में भी उत्साह की स्थिति देखने को मिली। कई विद्यालयों पर पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चों के स्वागत की तैयारियां देख उनका भी मन प्रफुल्लित हो उठा। जिला मुख्यालय पर जहां निजी स्कूलों में इसको लेकर खासी रौनक नजर आई। वहीं ग्रामीण इलाकों में कुछ विद्यालय दुल्हन की तरह सजे नजर आए।
घोरावल ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय ओड़हथा और प्राथमिक विद्यालय उसरी सहित कई विद्यालयों में सुबह से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार और जिला समन्वयक रमेश चौरसिया सुबह से ही चक्रमण बनाए रहे। वहीं विद्यालयों में जाकर छात्रों-अभिभावकों से मुलाकात कर उन्हें कोविड नियमों के प्रति जागरूक करने और बच्चों को स्कूल भेजने के प्रति जागरूक करने में लगे रहे। ब्लॉकों में खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों की स्थिति पर नजर बनाए रहे।
इन विद्यालयों पर दिखा उत्सव जैसा नजाराः
दुद्धी ब्लाक के मचबंधवा, हथियार, चतरा ब्लॉक के रामगढ़, म्योरपुर ब्लाक के कोटा, शक्तिनगर, घोरावल ब्लाक के ओड़हथा, उसरी खुर्द आदि गांवों में प्राथमिक विद्यालयों में इस दिन उत्सव जैसा माहौल बना रहा। हथियार में फूल बरसा कर बच्चों का स्वागत किया गया।
वही मचबंधवा में फूल-पत्तियों से सजा विद्यालय किसी मांगलिक कार्यक्रम जैसा एहसास कराता रहा। रामगढ़ में बर्थडे के अंदाज में बच्चों का फूल बरसा कर और माला पहनाकर स्वागत किया गया। विद्यालय कक्ष और बरामदे को गुब्बारे से भी सजाए रखा गया। प्राथमिक विद्यालय ओड़हथा और उसरी में भी टीका लगाकर और फूल बरसाकर बच्चों का स्वागत किया गया।
स्कूल पहुंचे बच्चों के परिजनों से जब न्यूजट्रेक की टीम ने बात किया तो उन लोगों ने कहा कि विद्यालय बंद होने से बच्चो के भविष्य को लेकर चिंता थी। लेकिन सरकार ने विद्यालय खोल कर चिंता से मुक्त कर दिया। गाजीपुर जनपद के सरकारी व प्राईवेट विद्यायलों में कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए बच्चों को विद्यालय परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है।स्कूल के मुख्य द्वार पर बच्चों को सेनिटाईज कर व दुरी बनाते हुए क्लास रूम में प्रवेश दिया गया।जहां दुरी बनाते हुए बच्चों को बिठाया गया।प्राईमरी विद्यालय के शिक्षक
फैजान अंसारी ने बताया की कोरोना गाईडलाईन के अनुसार ही विद्यालय संचालित हो रहा है।हर क्लास रूम में सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है।वही जनपद के कुछ निजी व सरकारी विद्यायलों में बच्चों के स्वागत के लिए खास इंतजाम भी देखने को मिला। किसी विद्यालय पर आरती की थाल तो कही बच्चों के मुह मिठा कराने की व्यवस्था किया गया थ। बिरसिंहपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अखिलेश प्रसाद ने बताया की सुबह 8 बजे 11 बजे तक व 11:30 बजे से 2 बजे तक विद्यालय का संचालन होगा।
गाजीपुर से रजनीश कुमार मिश्र की रिपोर्ट
मेरठ के सभी कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में पहुंचने पर बच्चों की थर्मल स्कैनिंग कर जांच व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षाएं शुरू की गईं। आज लंबे समय बाद नन्हे छात्र छात्राएं स्कूल में पहुंचे तो उनके चेहरे पर रौनक नजर आई। सभी बच्चे अपने दोस्तों से मिलकर बेहद खुश दिखे। यही नहीं बच्चों ने स्कूल में पहले दिन पढ़ाई के साथ-साथ मस्ती भी की।
बीएसए योगेंद्र कुमार का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों को खोलने से पहले सभी एबीएसए से स्कूलों की व्यवस्था का जायजा कराया गया। इसके बाद आज से स्कूल खोलने के आदेश दिए गए। कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या से अधिक फर्नीचर है। उस फर्नीचर को ऐसे विद्यालयों में भेजा जाएगा, जहां पर फर्नीचर की कमी है। सभी शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंचकर सुंदर माहौल के साथ शिक्षण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान अगर शिक्षक लापरवाही करता पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
अब्दुल्लापुर के प्राथमिक विद्यलय में अपने चौथी कक्षा के बेटे अंकुर को छोड़ने आये ललित कुमार ने बताया कि क्योंकि स्कूल पिछले का्फी समय से बंद थे। इसलिए आज जब खुले तो अंकुर को स्कूल के लिए तैयार करने में पत्नी के साथ काफी मशक्कत करनी पड़ी। अंकुर स्कूल जाने के लिए तैयार ही नही हो रहा था। फिर मुस्कारते हुए ललित कहते हैं, आखिर स्कूल जाने की आदत जो छुट गई है।
इसके उलट रश्मि जो कि कक्षा तीन की छात्रा है के पिता नवीन प्रजापति की मानें तो रश्मि को जब से यह पता चला है कि स्कूल खुल रहे हैं, वो स्कूल जाने के लिए परेशान थी। बकौल नवीन आज तो सुबह अपने आप ही उठ गई और मम्मी से कहने लगी मम्मी स्कूल के लिए तैयार कर दो।
मेरठ से सुशील कुमार की रिपोर्ट
सीतापुर में कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल खुल गए हैं। जिससे बच्चों व अभिभावकों में खुशी देखने मिल रही है। स्कूल प्रबंधन के द्वारा कोरोना की गाईडलाइन का पालन कराते हुए विद्यालयों में हैंड सैनिटाइजर व बच्चो की स्क्रीनिंग कराकर की विद्यालय में प्रवेश दिया गया। वहीं अभिभावक अमित कुमार का कहना है कि मार्च में स्कूल बंद कर दिए गए थे अब स्कूल खुले है। घर मे बच्चे काफी परेशान हो रहे थे। मुझे बेहद खुशी है कि आज बच्चों के स्कूल खुले है। कोरोना को लेकर डर तो सता रहा है लेकिन बच्चों का भविष्य दी गर्त में जा रहा था। इसलिए सरकार का हम धन्यवाद अदा करते है कि सरकार ने स्कूल खोलने के आदेश दे दिए है।
वहीं विद्यालय प्रबन्धक लाला राम यादव ने बताया कि लगभग 5 माह बाद विद्यालय खुले है। काफी समय से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थी। सरकार के द्वारा जो कोरोना की गाईडलाइन है उसका पालन करते हुए विद्यालय खोले गए हैं। स्कूल में हैंड सैनिटाइजर और बच्चो की स्क्रीनिग कराई जा रही है। दो पालियों में क्लासेस चलाई जाएंगी। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है बच्चों में भी काफी उत्साह है।
सीतापुर से समी अहमद की रिपोर्ट
सुल्तानपुर में प्राथमिक विद्यालयों और निजी स्कूलों में बच्चों के पहुंचने पर फूल माला और टीका लगा कर स्वागत किया गया। स्कूल खुलने की तैयारियों को लेकर सभी निजी और सरकारी स्कूलों में साफ सफाई और सेनेटाइज़ेशन का काम बीते हफ्ते भर से चल रहा है।
नगर के कुड़वार ब्लॉक के धारुपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों का स्वागत माला और माथे पर टीका लगा कर किया गया। सभी बच्चों का टेम्परेचर चेक किया गया और सेनेटाइजर का इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया। प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर निज़ाम खान ने कहा कि पढ़ाई के साथ बच्चों का जीवन ज़्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी नियमो का पालन किया जा रहा है। जिन छात्रों के माता पिता को स्कूल भेजने में आपत्ति है उनके लिए आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी।
कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के पैरंट्स दिनेश यादव ने स्कूल की तैयारियों पर संतुष्टि जाहिर की तो वहीं विद्या मंदिर के छात्र पुलक के पिता मंजुल निगम ने खुद स्कूल पहुँच स्कूल की तैयारियों को समझा।
बेसिक विभाग रख रहा स्कूलों पर नज़र
बेसिक शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों की जांच पड़ताल के लिए टीम बनाई हुई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह यादव ने बताया कि समय समय पर स्कूलों का निरीक्षण करके कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा।
सुल्तानपुर से फरीद अहमद की रिपोर्ट
बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ सतीश चंद्र ने प्राथमिक विद्यालय मखदुमपुर लखनऊ का आकस्मिक निरीक्षण किया। उनके स्कूल में पहुँचते ही अफरा तफरी मच गई। सबसे पहले वो क्लास रूम में पहुँचे और बच्चों से बात की और उन्हें कोविड के नियमों के बारे में बताया कि कैसे कोविड से बचाव किया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने स्कूल की सारी व्यवस्था देखी और हर क्लास में जाकर देखा कि स्कूल में कोविड के नियमों का पालन हो रहा है की नहीं।
सतीश चंद्र द्विवेदी स्कूल की व्यवस्था से काफी खुश नजर आए और उनका कहना था कि अच्छी बात है स्कूलों में कोविड-19 नियमों का पालन हो रहा है। बता दें कि स्कूल की पहली शिफ्ट सुबह आठ बजे निर्धारित की गई, जिसके हिसाब से अधिकतर बच्चे साढ़े सात बजे से आना शुरू हो गए। बच्चों को स्कूलों में कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार प्रवेश दिया गया।स्कूल के गेट पर हैंड सैनिटाइज करवाया गया। मुंह पर मास्क लगाकर बच्चों ने शारीरिक दूरी के साथ स्कूल में प्रवेश किया।
लखनऊ से क्रांतिवीर सिंह की रिपोर्ट