Lucknow Crime News Today: करोड़ों रुपये की अष्टधातु मूर्ति के साथ सरोजनी नगर पुलिस ने तीन चोर को किया गिरफ्तार

Lucknow Crime News Today: आज लखनऊ पुलिस ने चोरी की गई अष्टधातु की मूर्ति के साथ तीन चोर को गिरफ्तार किया है।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-08-23 10:06 GMT

सरोजिनी नगर थाना (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow Crime News Today: राजधानी पुलिस के बने जाल में तीन मूर्ति चोर फंस गये। इन चारों के पास से करोड़ों रुपये कीमत की अष्टधातु की दुर्लभ मूर्तियां (Ashtadhatu Ki Murti) बरामद हुई हैं।

पुलिस ने बताया कि ये चोर भगवान श्रीकृष्ण की अष्टधातु की मूर्तियों को बेचने के लिए लखनऊ आये थे। सूचना मिलने के बाद सादे कपड़ों में पहुंची सरोजनी नगर पुलिस (Sarojini Nagar Police) ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि ये मूर्तियां अति दुर्लभ और बेशकीमती अष्टधातु की बनी हुई हैं, जिनका वजन चार किलो, 100 ग्राम है। इसे जन्माष्टमी पर बिक्री के लिए राजधानी लाया गया था। पुलिस अब गिरोह के सरगना की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है।

इन मूर्तियों के बारे में सरोजनी नगर पुलिस ने बताया कि अपने कुछ सूत्रों से जानकारी मिली थी कि शनिवार रात को कुछ चोर राजधानी में अष्टधातु की कीमती मूर्तियां बेचने के लिये आ रहे हैं।इसके बाद डीसीपी मध्य डा. ख्याति गर्ग ने इंस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र कुमार सिंह की निगरानी में एक पुलिस टीम गठित की। सर्विलांस टीम में आशीष कुमार और गोविंद को सक्रिय किया गया। इसके बाद अभियान में जुटी पुलिस टीम ने सबसे पहले तस्करों से फोन पर बात की और खुद को व्यापारी बताया और उनकी मूर्तियां खरीदने की बात की। तीनों चोर श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति लेकर सरोजनी नगर इलाके में बेचने के लिए पहुंच गए। पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर को जाने वाले मार्ग पर चोरों को बुलाया और खरीदार बनकर एक पुलिस कर्मी उनसे बात करने लगा। तभी पीछे से आई पुलिस टीम ने तीनों को धर दबोचा। चोरों के पास से भगवान श्रीकृष्ण की पीली धातु की मूर्ति बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार इन मूर्तियों की कीमत अन्तरराष्ट्रीय मार्केट में करोड़ों रुपये में है। लखनऊ में कई बड़े-बड़े ऐसे व्यपारी हैं, जो इस तरह की एंटिक मूर्तियां खरीदने व बेचने का काम करते हैं।

इंस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में पता चला है कि गिरोह का सरगना जालौन का रहने वाला है। उसी ने इन्हें मूर्ति मुहैया कराई थीं। उसने उन लोगों को बताया था कि लखनऊ के टीपी नगर रोड पर एक व्यापारी शनिवार की रात को मिलेगा और उनको फोन करके बुलाएगा। इस पर तीनों चोर सरगना के कहने पर मूर्ति की डिलीवरी देने लखनऊ पहुंचे थे। खरीदार कौन था? तस्कर किसे मूर्ति देने आए थे? अभी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।

डीसीपी ने संभावना जताई है कि इन चोरों के गिरोह के पास राधाजी की भी मूर्ति हो सकती है। पकड़े गए चोरों ने पूछताछ में कुछ तथ्य पुलिस को बताए हैं। इसी के साथ पुलिस राधाजी की मूर्ति बरामद करने के साथ ही गिरोह के सरगना और अन्य चोरों की तलाश में जुट गई है। तस्करों ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर इस मूर्तियों की मुंह मांगी कीमत उनको मिलनी थी।इसलिए उसकी डिलीवरी पहुंचाने आए थे।

पकड़े गये चारों के नाम हैं रफीक खां, पुत्र बाबू खां निवासी बटरा, गौरिहार मध्यप्रदेश छतरपुर।लाला उर्फ मोहम्मद हुसैन, निवासी फतेहपुर चांदपुर मेढ़ा व पीर अली पुत्र रज्जाक अली उर्फ राज अली, निवासी बांदा नरैनी पलहरी।

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