Muharram 2021: सोमवार को नहीं दिखा चांद, अब बुधवार से शुरू होगा मोहर्रम का महीना
इस्लामिक कैलेंडर का मोहर्रम महीना अब मंगलवार से नहीं बल्कि बुधवार से शुरू होगा। सोमवार को चांद नहीं दिखने के कारण अब मंगलवार को मुस्लिम समाज के लोग चांद का इंतजार करेंगे।
Muharram 2021: इस्लामिक कैलेंडर का मोहर्रम महीना अब मंगलवार से नहीं बल्कि बुधवार से शुरू होगा। सोमवार को चांद नहीं दिखने के कारण अब मंगलवार को मुस्लिम समाज के लोग चांद का इंतजार करेंगे। इस महीने की दसवें दिन जंगे कर्बला में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत का गम मनाया जाएगा।
ब्रह्मपुरा शिया मस्जिद के मौलाना वकार अहमद रिजवी ने जानकारी देते हुए बताया कि 29 वीं तारीख को चांद के दीदार की कोशिश की गई, लेकिन चांद नहीं निकल सका। अब 30वीं तारीख को चांद का इंतजार किया जाएगा। इसके अगले दिन बुधवार से मोहर्रम का महीना शुरू होने की उम्मीद है।
पहली मुहर्रम बुधवार से होने का एलान
बताया जा रहा है कि अब मंगलवार की चांद रात से ही घरों में ताजिया रखने के लिए खरीदारी भी शुरू होने की उम्मीद है। मरकजी चांद कमेटी के इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने चांद दिखाई न देने की घोषणा करते हुए पहली मुहर्रम बुधवार से होने का एलान किया। इसके साथ साथ काजी-ए-शहर मौलाना अबुल इरफान मिया फरंगी महली ने भी चांद न दिखने की बात कही है।
72 शहीदों की शहादत के गम में शिया समुदाय मातम मानते हैं
मौलाना ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शिया समुदाय के लोग मातम मनाएंगे। शिया कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े उतार कर काले कपड़े पहनकर गम का इजहार करेंगे। इसे दौरान महिलाएं भी जेवर व चूड़ियां उतार कर काले लिबास पहनेंगी। तर्बरूक, हार-फूल, अलम के लिए फूल के सेहरे, इमामबाड़े के लिए फूलों के पटके और ताबूत के लिए फूलों की चादरों की भी खरीदारी की जाएगी।
सरकारी गाइडलाइन
शिया धर्मगुरुओं ने मुहर्रम में शारीरिक दूरी के साथ और कोरोना संक्रमण की सरकारी गाइडलाइन के अनुसार गम मनाने की अपील करके हुए कहा है कि 50 से ज्यादा लोगों को एक साथ एकत्र नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए...
1. मजलिसों में एक समय में अधिक से अधिक 50 लोग ही सम्मलित हों।
2. मुहर्रम पर निकलने वाले मरकज़ी जुलूस अबकी बार कोरोना के खतरे के तहत नहीं निकाले जाएंगे।
3. अलम एवं ताज़िए घरों और इमामबाड़ों में स्थापित किए जा सकेंगे। इस बात का ध्यान हर किसी को रखना है।
4. दसवीं मुहर्रम को ताज़ियों को दफन करने के लिए केवल एक दो लोग ही जाएंगे।
5. ताज़िया किसी भी भीड़ या कोविड दिशा निर्देशों की अनदेखी करके न निकालें और सरकार व प्रशासन के निर्देश का जरूर पालन करें।
6. अबकी बार ताज़िए किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं रखे जाएंगे।