Lucknow University: ओरिएंटेशन प्रोग्राम का चौथा दिन, पूर्व डीआईजी डॉ. राकेश शंकर ने 'कानूनी साक्षरता' पर दी जानकारी

Lucknow University : 7 दिवसीय ओरिएंटेशन का चौथा दिन था। इस मौके पर अलग-अलग विषयों पर चार सत्रों का आयोजन किया गया।

Report :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-12-04 20:19 IST

Lucknow University : शनिवार को राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में समाज कार्य विभाग द्वारा चल रहे 7 दिवसीय ओरिएंटेशन का चौथा दिन था। इस मौके पर अलग-अलग विषयों पर चार सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में पूर्व डीआईजी डॉ. राकेश शंकर ने कानूनी साक्षरता, दूसरे सत्र में डॉ. संध्या यादव ने जनसंख्या योजना एवं पर्यावरण, तीसरे सत्र में डॉ. ओमेंद्र कुमार यादव ने महिलाओं और बच्चों के कानून पर और चौथे सत्र में यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे स्टूडेंट्स को जानकारी दी गई।


कानूनी साक्षरता

पहले सत्र का विषय 'कानूनी साक्षरता' था, जिसमें मुख्य वक्ता पूर्व डीआईजी डॉ राकेश शंकर ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और जनहित याचिका (पीआईएल) सहित भारत के विभिन्न कानूनी ढांचे के बारे में बात की। उन्होंने कानूनी साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सत्र का समापन किया कि इसे हमारे मूल अधिकारों को लागू करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 


जनसंख्या योजना एवं पर्यावरण

दूसरे सत्र की मुख्य वक्ता डॉ संध्या यादव थीं, जिन्होंने 'जनसंख्या योजना और पर्यावरण' के मुद्दों पर बात की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे जनसंख्या विस्फोट पर्यावरण को नष्ट कर रहा है। उन्होंने समाज के जमीनी स्तर पर परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता पैदा करने पर जोर देकर सत्र का समापन किया।

महिलाओं और बच्चों के कानून

तीसरा सत्र महिलाओं और बच्चों से संबंधित कानून पर था, जिसमें मुख्य वक्ता डॉ ओमेंद्र कुमार यादव थे। उन्होंने महिलाओं और बच्चों से संबंधित संवैधानिक अधिकारों और विशेष कानूनों सहित विभिन्न कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन कानूनों के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी। इन कानूनों के माध्यम से अपने अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की जिम्मेदारी पर जोर देकर सत्र का समापन किया गया।


यौन उत्पीड़न की रोकथाम

चौथे सत्र में समाज कार्य विभाग द्वारा यौन उत्पीड़न की रोकथाम (POSH) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ मधुरिमा प्रधान (आईसीसी अध्यक्ष), डॉ राकेश शंकर, डॉ डीआर साहू (पूर्व प्रमुख, समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) और डॉ अर्पिता कपूर (सचिव, नवल फाउंडेशन) ने किया। इसके अलावा उन्होंने शिकायत दर्ज करने के लिए आंतरिक शिकायत समिति, यूओएल (आईसीसी) के तंत्र पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ शिखा सिंह द्वारा किया गया और विभाग के संकाय सदस्य उपस्थित थे।

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