UP Election 2022: अखिलेश यादव से मिले चाचा शिवपाल, आज सहयोगी दलों के साथ सपा अध्यक्ष की बैठक

UP Election 2022: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के बीच मुलाकात हो रही है।

Newstrack :  Network
Written By :  aman
Update: 2022-01-12 06:05 GMT

फोटो- सोशल मीडिया  

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के बीच मुलाकात हो रही है। शिवपाल यादव आज अपने बेटे आदित्य के साथ अखिलेश यादव के आवास पहुंचे। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी।

दूसरी तरफ, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सियासी कुनबे को समेटने की कोशिश तेज कर दी है। अखिलेश आज सहयोगी दलों के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक दोपहर एक बजे के करीब सपा कार्यालय में होगी। बैठक में अखिलेश यादव सहयोगी दलों के नेताओं के साथ चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तथा टिकट बंटवारे पर चर्चा कर सकते हैं।

बीते दो चुनावों जिनमें एक विधानसभा तथा दूसरा लोकसभा चुनाव में गठबंधन के असफल प्रयोगों के बाद समाजवादी पार्टी ने समायोजन की राह अपनाई है। सत्ता की इस रेस में अखिलेश यादव ने आगे रहने के लिए अति पिछड़ा वर्ग को साधने की रणनीति अपनाई है। पिछले छह महीने में सपा ने कई गैर यादव ओबीसी या अति पिछड़ों को पार्टी से जोड़ा है। सपा में स्वामी प्रसाद मौर्य का आना इसी बात का उदहारण है। क्योंकि उनके साथ वोट बेस के विस्तार की कवायद और मजबूत होगी।

यूपी में मौर्य, शाक्य, सैनी बिरादरी के वोटर को जोड़ना अखिलेश यादव के लिए फायदेमंद रहेगा। इसीलिए उनकी पार्टी में कई नेता जो इस जाति से संबंध रखते हैं जुड़ रहे हैं। पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक कई सीटों पर इनका प्रभाव है। बसपा में भी स्वामी अति पिछड़े चेहरे के तौर पर प्रभावी थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद यही कहा गया था कि पार्टी को मौर्य वोटों का साथ दिलाने में उनकी अहम भूमिका होगी। बीजेपी में शामिल होने के बाद स्वामी प्रसाद ने अपनी बिरादरी व समर्थकों में पार्टी से अलग अपना समानांतर आधार बनाए रखने का जतन लगातार जारी रखा था। अखिलेश अब उन्हें साथ कर इस सफलता की कुंजी को अपने हाथ रखना चाहते हैं। 

Tags:    

Similar News