UP Election 2022: उत्तर से अभिषेक मिश्रा, मध्य से रविदास, तो पश्चिम से रेहान पर SP जता सकती है भरोसा!

Up Election 2022 : समाजवादी पार्टी ने दो सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-02-01 08:53 IST

Up Election 2022

Up Election 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव ( UP Elections 2022) को जीतने के इरादे से सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। 403 सीटों में से आधी से ज़्यादा सीटों पर, सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों (Candidate List) को उतार दिया है। लेकिन, राजधानी लखनऊ (Lucknow) की 9 विधानसभा सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। जिसकी सूची संभवतः मंगलवार (1 फरवरी) को आ सकती है।

हालांकि, समाजवादी पार्टी (Samajwadi party)ने दो सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। जिसमें मोहनलालगंज से अम्बरीष पुष्कर (Mohanlalganj Ambrish Pushkar) , तो मलिहाबाद से सुशीला सरोज (Malihabad Sushila Saroj) का नाम शामिल है। बाक़ी, सीटों पर भी प्रत्याशियों की घोषणा सम्भव है। 

पूर्व मंत्री और ज़मीनी नेता रविदास मेहरोत्रा

लखनऊ मध्य से रविदास मेहरोत्रा मांग रहे हैं टिकट

पूर्व मंत्री और ज़मीनी नेता रविदास मेहरोत्रा ने लखनऊ मध्य से टिकट मांगा है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी इन पर भरोसा जता सकती है। इसके पीछे वजह यह मानी जा रही है, कि एक तो ये पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। दूसरा, 2012 विधानसभा चुनावों में इन्हें इसी सीट से जीत हासिल हुई थी। साथ ही, लखनऊ की जनता इन्हें ज़मीनी नेता के तौर पर जानती है। सबसे ज़्यादा बार जेल जाने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। अभी तक यह 250 से अधिक बार प्रदर्शन व धरने की वजह से जेल जा चुके हैं। पुराने समय में यह अक्सर लखनऊ की सड़कों पर, किसी न किसी मुद्दे को उठाया करते थे। वहीं, रविदास मेहरोत्रा 2017 में भी लखनऊ मध्य से ही लड़े थे। जिसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को कड़ी टक्कर दी थी और लगभग 5000 वोटों के अंतर से ही हारे थे।

लखनऊ उत्तर से अभिषेक मिश्रा 

लखनऊ उत्तर से अभिषेक मिश्रा पर जताया जा सकता है भरोसा

2012 में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रो. अभिषेक मिश्रा का अलग कद था। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का ख़ास भी माना जाता है। इसी वजह से उनको प्रोटोकॉल मंत्री का पद भी दिया गया था। लेकिन, अखिलेश सरकार में वह जिस इलाके से चुनकर आये थे, वहां से वो 2017 का चुनाव हार गये थे। और, इस क्षेत्र का नाम है- 'लखनऊ उत्तर।' मग़र, पार्टी सूत्रों के मुताबिक- अखिलेश यादव दोबारा अपने प्रोटोकॉल मिनिस्टर पर भरोसा जताने का मन बना चुके हैं। और, उन्हें ही 'लखनऊ उत्तर' का प्रत्याशी घोषित करेंगे। बता दें कि, अभिषेक मिश्रा ने चुनाव लड़ने से इस सीट के लिये आवेदन भी नहीं किया था। जिससे बाक़ी के आवेदनकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। गौरतलब है कि 2012 विधानसभा चुनाव में अभिषेक मिश्रा मात्र 2,219 वोटों से जीते थे। जबकि, 2017 के चुनावों में अभिषेक मिश्रा दूसरे नंबर पर रहे। इन्हें 27000 से ज़्यादा वोटों से बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. नीरज बोरा ने हराया था।

सपा के 'उम्मीद'वार हो सकते हैं अनुराग भदौरिया

लखनऊ पूर्वी से सपा के 'उम्मीद'वार हो सकते हैं अनुराग भदौरिया

टेलीविजन पर अक़्सर अपने हरे कुर्ते और विपक्षी दल के प्रवक्ता को न बोलने देने की वजह से, चर्चा में रहने वाले अनुराग भदौरिया काफ़ी समय से समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। 2012 में बनी अखिलेश सरकार में अनुराग भदौरिया को 2015 में खेल मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा, इंडियन ग्रामीण क्रिकेट लीग (IGCL) को वो हर साल आयोजित करते हैं। इन्हें भी अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। साल 2017 के विधानसभा चुनावों में अनुराग भदौरिया को, लखनऊ पूर्वी जैसी कठिन सीट पर, कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतारा गया था। जहां से यह दूसरे नंबर पर रहे। और, भाजपा के विधायक आशुतोष टंडन से क़रीब 80,000 से अधिक वोटों से हारे। मग़र, इस बार फ़िर यह चुनावी मैदान में कूदने को तैयार हैं। उम्मीद की जा रही है कि समाजवादी पार्टी इन पर फ़िर से भरोसा जता सकती है। 

लखनऊ कैंट से सुशील दीक्षित 

लखनऊ कैंट से सुशील दीक्षित को मिल सकता है मौका

अब तक के इतिहास में समाजवादी पार्टी के पक्ष में लखनऊ कैंट की सीट क़भी नहीं आ सकी है। 2017 के विधानसभा चुनावों में जब अपर्णा यादव इस सीट से लड़ी थी, तब भी यह सीट सपा के खाते में नहीं गई थी। अपर्णा यादव उस चुनाव में 61,606 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। जबकि, भाजपा से चुनाव लड़ रही रीता बहुगुणा जोशी को 50 प्रतिशत यानी 95,402 मत मिले थे। इसलिए, ऐसी स्थिति में सुशील दीक्षित के लिये यहां की राह आसान नहीं होगी। 

लखनऊ पश्चिम से रेहान नईम

लखनऊ पश्चिम से रेहान नईम हैं मज़बूत दावेदार 

इस सीट से साल 2012 में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। जो कि पहला मौका था। इससे पहले क़भी भी सपा लखनऊ पश्चिम की सीट जीत नहीं सकी है। 2012 में जब मोहम्मद रेहान नईम को इस सीट से उतारा गया था, तब 29.35 प्रतिशत यानी 49,912 वोट पाकर जीत हासिल की थी। जबकि, 2017 विधानसभा चुनावों में उन्हें हार मिली। लेकिन, लगभग ऐसा तय माना जा रहा है कि इस सीट से मोहम्मद रेहान नईम को ही टिकट मिलेगा।

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