टूटेगा विश्व रिकार्ड: 5 लाख 51 हजार दीपों से जगमगाएगी रामनगरी, दिखेगा भव्य दृश्य

राम नगरी अयोध्या में चौथे दीपोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम को कोविड-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए निरस्त कर दिया गया है। अब सिर्फ 1 दिन का आयोजन किया जाएगा।

Update: 2020-11-11 13:08 GMT

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में चौथे दीपोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम को कोविड-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए निरस्त कर दिया गया है। अब सिर्फ 1 दिन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान 13 नवंबर को ही साकेत महाविद्यालय से निकलने वाली शोभायात्रा, राम कथा पार्क में राज्याभिषेक, 5.50 लाख दीप जलाए जाएंगे।

कोरोना के चलते कार्यक्रम सीमित

राम मंदिर अयोध्या में चौथे दीपोत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है 11 नवंबर से 13 नवंबर तक तीन दिवसीय आयोजन में पहले दिन भजन संध्या स्थल पर दिल्ली की रामलीला और दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के 30 सदस्य महिलाओं की रामलीला का आयोजन किया जाना था लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इन दोनों आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है अब 13 नवंबर को ही सभी आयोजन को पूर्ण किया जाएगा।

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इस दौरान सीमित लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है। साथ ही इस कार्यक्रम में आने वाले आगंतुकों की कोरोना जांच भी कराई जाएगी। संस्कृत विभाग के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ के मुताबिक अयोध्या दौरे पर पहुंचे उच्च अधिकारियों ने कोविड-19 को देखते हुए तीन दिवसीय आयोजन में 11 व 12 नवंबर को भजन संध्या स्थल पर होने वाली रामलीला के आयोजन को निरस्त कर दिया है अब सिर्फ 13 नवंबर को भी दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा इस दौरान राम कथा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा।

13 नवंबर को विमान से अयोध्या पहुंचेंगे भगवान राम व सीता

13 नवंबर को होने वाले आयोजनों में दोपहर 12 बजे साकेत महाविद्यालय से रामायण के प्रसंगों पर तैयार 11 झांकियां व 300 कलाकारों के द्वारा फोक डांस के साथ अयोध्या के प्रमुख मार्ग से राम कथा पार्क तक के लिए निकाली जाएगी जिसके बाद राम कथा पार्क पर भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण विमान से सरयू तट पहुंचेंगे।

जहां उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगवानी करेंगे। उसके बाद राम कथा पार्क पर भगवान श्री राम का राज्याभिषेक का आयोजन होगा और पूरी अयोध्या को प्रकाशमय किए जाने के लिए राम की पैड़ी पर 5.50 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो कि इस बार भी अयोध्या अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करेगी। वहीं दीप प्रज्वलन के बाद छत्तीसगढ़ के महिलाओं की रामलीला सहित अन्य कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन की राम कथा पार्क में किया जाएगा।

300 धार्मिक स्थलों को किया जायेगा प्रकाशमय

दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान अयोध्या सहित आस-पास के लगभग 300 धार्मिक स्थलो, मंदिरो घाटो, कुण्डो सभी पर दीप जलाकर प्रकाशमय किया जाएगा। उप्र सरकार ने इस उत्सव को प्रान्तीयकृत मेला घोषित किया जा चुका है इसका मुख्य आयोजन 13 नवम्बर का लेकिन उत्सव 12 नवम्बर से ही प्रारम्भ हो जायेगा।

कोविड-19 तैयारी के सम्बन्ध में यूपी सरकार अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन एसएन सांवत, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशान्त कुमार, पर्यटन महानिदेशक जीएन रविकुमार, सूचना एवं सांस्कृति निदेशक शिशिर सहित शासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा राजकीय हैलीकाप्टर से आकर दीपोत्सव कार्यक्रम स्थलो की जानकारी ली गई। जिसमें रामकथा पार्क, हैलीपैड, सरयू आरती स्थल, रामकी पैड़ी, श्री रामजन्म भूमि परिसर, श्री हनुमानगढ़ी, आदि का भ्रमण कर कार्यक्रम को अंतिम रूप देने हेतु निर्देश दिये गये जिसमें इस कार्यक्रम को कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए भव्यता से मनाने का निर्णय लिया गया।

जिसमें 13 नवम्बर को सांय 3 बजे से 8 बजे तक सभी पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण होगा साथ ही साथ डीडी नेशनल, एएनआई, आइडिया कम्युनिकेशन द्वारा लगभग 70 एलईडी वैन/वाल के साथ भी सजीव प्रसारण किया जायेगा साथ सभी कार्यक्रमो में वैदिक मंत्रो के साथ शुभारम्भ किया जायेगा। 12 नवम्बर व 13 नवम्बर को दोनो दिन सभी जनपदवासी चाहे वे शहर में रहते हो या ग्रामीण क्षेत्र में सभी अपने-अपने घरो में भगवान श्री राम माता सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में अपने घरो को साफ-सफाई के साथ उसकी सजावट करे।

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492 वर्ष बाद अयोध्या वासियो को मिला अवसर

बड़ी संख्या में दीप प्रज्वलित करे रंगोली बनाये तथा भिन्न-भिन्न प्रकार से खुशियाॅ मनाये, 492 वर्ष बाद अयोध्या वासियो को यह अवसर मिल रहा है। इसे यादगार बनाये में सरकार, शासन, जनमानस, जनप्रतिनिधि, स्वंयसेवी संगठन, सभी संगठनो, व्यापारी संगठन, औद्योगिकी घराने, पत्रकार बन्धु, सभी समन्वित रूप से लगकर दीपोत्सव को यादगार बनाने के साथ हर व्यक्ति के दिल व दिमाग में इसकी भव्य एवं दिव्य प्रतिबिम्ब हमेशा यादगार बनी रहे।

अपने-अपने क्षेत्र में जनसम्पर्क कर लोगो को दीपोत्सव कार्यक्रम में जोड़ते हुए अपने-अपने घरो के सजावट एवं दीप जलाने के साथ सनातन धर्म की पताका की चमक को पूरे विश्व में प्रकाशमय करना हैं। साथ ही विश्वबन्धुत्व, शान्ति एवं भाई चारा का सन्देश प्रसारित करना है। माटीकला बोर्ड डेढ़ लाख दिये दे रहे है हर प्रदेश के हर जनपद हर गाॅव से अयोध्या में दिये पहुंच रहे हैं। जिससे प्रदर्शित हो रहा है कि अयोध्या से लोगों का कितना लगाव है।

स्वयंसेवकों ने 24 घाटों पर दीए लगाने का कार्य किया शुरू

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय दीपोत्सव-2020 को भव्य बनाने के लिए राम की पैड़ी अयोध्या में आज समन्वयकों की निगरानी में स्वयंसेवकों ने 24 घाटों पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। रविशंकर सिंह ने दीपोत्सव पदाधिकारियों के साथ सभी घाटों का भम्रण कर व्यवस्था का जायजा लिया। एक ही पैटर्न पर लगाये जाने वाले दीए का निर्धारित मानक तय किए गए हैं। दूर-दूर से प्रतिभाग करने आये स्वयंसेवकों को कोविड-19 के मानकों के अनुरूप मास्क पहन कर दीपोत्सव स्थल पर आना अनिवार्य कर दिया गया है। दीेपोत्सव स्थल पर सावधानी एवं बचाव के प्रति ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से दिशा-निर्देश प्रसारित किए जाते रहे। दीपोत्सव स्थल पर बिना प्रवेश पास के आगमन प्रतिबन्धित कर दिया गया है।

इस बार दीपोत्सव-6 लाख दीए सजाने का लक्ष्य रखा गया है। 5 लाख 50 हजार से अधिक दीए स्वयंसेवकों द्वारा जलाये जायेंगे। इसके लिए राम की पैड़ी पर 24 घाटों का चयन किया गया है। जिसमें लक्ष्मण घाट 48 हजार, वैदेही घाट 22 हजार, श्रीराम घाट 30 हजार, दशरथ घाट 39 हजार, भरत घाट 17 हजार, शत्रुध्न घाट 17 हजार, माडण्वी नागेश्वर उमाघाट 52 हजार, श्रुति कीर्ति घाट 40 हजार, कैकेयी घाट 40 हजार, कौशल्या घाट 40 हजार, सुमित्रा घाट 40 हजार, उर्मिला घाट 40 हजार, सहित अन्य घाटो पर इसी संख्या पर दीए जलाये जायेंगे।

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अयोध्या से नाथ बख्श सिंह

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