दर्दनाक: चारा-पानी के अभाव में मर रहे मवेशी, JCB से दफनाए जा रहे गोवंश
अयोध्या नगर निगम के सरकारी गौशाला में दाना एवं पानी के अभाव में मर रही गाय और बछड़े जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है
अयोध्या: यूपी के अयोध्या नगर निगम के सरकारी गौशाला में दाना एवं पानी के अभाव में मर रही गाय और बछड़े जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसके बाद जिले में हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक जिले की अन्य गौशालाओं में भी गायों के दाना पानी मौजूद नहीं है।
वहीं आज इस मामले में समाजवादी पार्टी के पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल जनाब हाजी असद साहब के नेतृत्व में गौशाला का निरीक्षण करने गया तो प्रशासन ने उन्हें गौशाला के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिसे इन नेताओं ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय बताया है।
नगर निगम अयोध्या की कान्हा गौशाला में गोवंश की स्थिति काफी खराब है। इन तस्वीरों को मोबाइल में कैद करने वाले समाजसेवी रितेशदास ने अपने ऊपर हमले के प्रयास का आरोप भी लगाया है। मामले में क्षेत्राधिकारी अयोध्या से शिकायत की गयी है। जिसमें थाना पूराकलन्दर की पुलिस जांच भी कर रही है।
जेसीबी के जरिये गायों को दफनाने का आरोप
महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहना कि बैसिंह कान्हा गौशाला के प्रभारी के खिलाफ पहले भी मंत्री से शिकायत की गयी है। इससे पहले वह सस्पेंड भी हो चुका है, लेकिन उसे दोबारा पद दे दिया गया। जल्दी इसको लेकर नगर विकास मंत्री से मुलाकात की जायेगी। वहीं समाजसेवी रितेश दास ने बताया कि वह मंगलवार को गाय को तरबूज खिलाने गये थे। उन्हें गौशाला में मौजूद गाय काफी खराब स्थिति में मिली। इसके साथ में आठ से दस गायों की मौत हो गयी थी। जिन्हें जेसीबी से दफनाया जा रहा था। जब वह इसकी वीडियो बनाने लगे तो वहां के कर्मचारियों ने इन्हें रोका।
रितेश दास ने बताया कि इसके बाद वह वहां से भागे तो चार से पांच मोटरसाईकिल वालों ने इनका पीछा किया। रास्तें में स्थित मुर्गी पालन केन्द्र में छिपकर उन्होने जान बचाई, जिसमें शिकायत के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और उन्हे लेकर दर्शननगर चौकी आयी। मामले में सीओ अयोध्या के शिकायती पत्र दिया गया है। नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि बैसिंह गौशाला में निराश्रित पशुओं को रखा गया है।
जनप्रतिनिधियों को दान के लिए अवगत कराया गया है। गौशाला संचालन के लिए नगर निगम के उपर अतिरिक्त बोझ है। इसको करने के लिए हमारे पास दक्ष कर्मचारी भी नहीं है। फिर भी इसके लिए नगर निगम के द्वारा व्यवस्था की जा रही है। पहले यहां भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थी। जिसपर मेरे आने के बाद लगाम गयी।
जनपद के ग्रामीण इलाकों में जो गौशाला संचालित की जा रही है वहां भी गर्मी के धूप में खुले आसमान के नीचे जानवरों को रहना पड़ता है, जहां पर माकूल खाने का इंतजाम भी नहीं है। पिछले दिनों ग्राम सभाओं के खाते बंद हो गए हैं जिस कारण सरकारी इंतजाम पूरी तरीके से फेल है और उधर किसान परेशान है। उसके खेत में यह छुट्टा जानवर उनका नुकसान करते देखे जा रहे हैं। सरकारी इंतजाम के आगे फिर हाल सब फेल दिखाई पड़ रहा है।