सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चमकेगी अयोध्या, मिलेगा लोगों को रोजगार
राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अलग स्थान पर देने को कहा है।
नई दिल्ली: राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अलग स्थान पर देने को कहा है।
राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।
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अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। अयोध्या में मंदिर बनने के साथ ही भगवान राम के जन्मस्थली के विकास के रास्त खुलेंगे।
अयोध्या में मंदिर बनने के बाद देश-विदेश से आने वाले भक्तों की संख्या में इजाफा होगा, तो रहने के लिए भी जगह चाहिए जिसके लिए होटल बनेंगे। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में प्रभु श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण होना है। भगवान राम के नाम से बनने वाले इस एयरपोर्ट पर 600 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इसके लिए अयोध्या हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर इसे एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा।
अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर भव्य होगा। इसे देखने के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से लोग आएंगे। वहां दुकानों का निर्माण होगा, सड़कों का निर्माण होगा और कभी विकास के लिए तरसने वाली धार्मिक नगरी अयोध्या को एक नया रूप मिलेगा। इसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उत्पन्न होंगे।
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संवेदनशील इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने इस मामले की 40 दिन की सुनवाई के बाद गत 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।