Ayodhya Verdict: यूपी के इस जज ने निभाई अहम भूमिका, जानें इनके बारे में

अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला की बताई है।

Update: 2019-11-10 06:29 GMT

कपिलदेव मौर्य

जौनपुर: अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला की बताई है। वहीं मुस्लिमों को अयोध्या में विवादित स्थल से दूर किसी अन्य स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है।

इस फैसले को सुनाने में पांच जजों की बेंच की अहम भूमिका रही। इनमें से एक जज यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं। यहां बात जौनपुर के मूल निवासी जस्टिस अशोक भूषण की हो रही है।

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जानकारी के अनुसार जस्टिस अशोक भूषण जिले के मड़ियाहूं कस्बे के मूल निवासी हैं। उनकी ससुराल शहर के कालीकुत्ती परमानतपुर में है।

काफी दिनों तक उनका परिवार परमानतपुर में ही रहा। जस्टिस अशोक भूषण के पिता चंद्रमा प्रसाद श्रीवास्तव हाईकोर्ट में अधिवक्ता थे।

 

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5 जुलाई 1956 को जन्मे जस्टिस अशोक भूषण 1979 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू किया।

इसके बाद वर्ष 2009 में जज नियुक्त हुए। 2015 में वह हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज होने का गौरव हासिल किए और मौजूदा समय में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं। वह केरल उच्च न्यायालय में भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

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