Ram Mandir Pran Pratishtha: राम मंदिर से जुड़ी बड़ी खबर, राम लला के दरबार में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 48 दिनों तक चलेगा अनुष्ठान

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु विश्वेश प्रसन्न तीर्थ ने बताया कि यह अनुष्ठान 23 जनवरी से शुरू होगा। लगातार 48 दिनों तक चांदी के कलश से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा।

Report :  Jugul Kishor
Update:2023-11-23 09:03 IST

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: रामनगरी अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल मक्रर संक्रांति के बाद 22 जनवरी को होगी। वहीं, अब जानकारी मिल रही है कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले 48 दिनों तक अनुष्ठान चलेगा। इस अनुष्ठान को मंडलोत्सव नाम दिया गया है। 48 दिनों तक चलने वाले विशेष अनुष्ठान के दौरान प्रत्येक दिन रामलला का एक चांदी के कलश से अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा इस अनुष्ठान में कोई भी आम आदमी हिस्सा ले सकता है।  अनुष्ठान में यजमान बनने के लिए आपको ऐप के माध्यम से आनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। जो भी व्यक्ति यजमान बनने की सभी शर्तों को पूरी करेगा, उसे रामलला की सेवा करने का मौका प्रदान किया जाएगा। 

एक दिसंबर को ऐप का होगा उद्घाटन

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु विश्वेश प्रसन्न तीर्थ ने बताया कि यह अनुष्ठान 23 जनवरी से शुरू होगा। लगातार 48 दिनों तक चांदी के कलश से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा। अनुष्ठान के अंतिम पांच दिनों सहस्त्र कलशाभिषेक होगा। इस अनुष्ठान के लिए श्रीराम सेवा नाम का एक एप बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन एक दिसंबर को किया जाएगा। इस एप के जरिये अनुष्ठान में सेवा देने के लिए आवेदन किया जा सकेगा।

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अनुष्ठान में शामिल होने के लिए इन शर्तों को पूरा करना होगा

जगद्गुरु विश्वेश प्रसन्न तीर्थ ने बताया कि आवेदन करने के लिए जो शर्तें निर्धारित की गई हैं, उनमें यजमान ऐसा होना चाहिए जो बड़े स्तर पर समाजसेवा के कार्य कर रहा हो। जैसे गरीब बच्चों की पढ़ाई, गरीबों के लिए आवास बनवाना, सैकड़ों गायों की गोशाला बनाकर सेवा करना, गरीबों के लिए निशुल्क अस्पताल बनाकर सेवा करने वाले आवेदन कर सकेंगे। इनके पास सेवा कार्यों का सर्टिफिकेट भी होना जरूरी है। जो इन शर्तों को पूरा करते हुए एक किलो चांदी से निर्मित कलश लेकर आएगा उसे सेवा का मौका दिया जाएगा। वहीं पूजन के बाद उसे यह चांदी का कलश प्रसाद स्वरूप अर्पित किया जाएगा।   

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