लखनऊ: यूपी से राज्यसभा की 11 सीटों पर शनिवार को हुए चुनाव में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अपने घोर विरोधी अमर सिंह को आखिर वोट दे ही दिया।राज्यसभा चुनाव में वो काफी देर से वोट डालने आए। उनके देर से आने तक ये कयास लगाए जा रहे थे कि वो शायद नाराजगी की वजह से वोट नहीं दें। वो भी खासकर अमर सिंह को।
सपा ने अमर सिंह को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाकर आजम खान की त्योरियां चढ़ा दी थीं। अपना मत देने के बाद कुछ विधायकों को वोट देने से रोकने और सपा की ओर से गुंडई के सवाल पर उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना कहा, '' उनसे बड़ा गुंडा कौन है। जो मन में आता है करते हैं। जो चाहते हैं फ्रिज से निकाल लेते हैं और रिपोर्ट बना देते हैं।'' आजम अक्सर इशारे में बात करते हैं। फ्रिज से निकालने से उनका आशय अखलाक के घर से गो मांस के मिलने से थे। जिसकी फारेंसिक रिपोर्ट हाल में आई है। रिपोर्ट के अनुसार अखलाक के घर से मिला मांस गो मांस था।
ये रिश्ता खफा-खफा सा है
आजम खान और अमर सिंह की प्रतिद्वंदिता काफी पुरानी है। पूर्व में अमर सिंह के बढ़ते प्रभाव से आजम खान खासे खफा थे। नाराजगी यहां तक पहुंची कि आजम खान सपा को अलविदा कह गए। वो सपा प्रमुख मुलायम सिंह के मनाने पर उसवक्त पार्टी में आए जब 2010 में अमर सिंह और जयाप्रदा को छह साल के लिए पार्टी से निकाल नहीं दिया गया। हाल के एक दो साल में अमर सिंह की सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव ने करीबी बढ़ी तो आजम खान ने भी अपने तेवर दिखाए।
टिकट देने पर हुए थे नाराज
अमर सिंह को राज्यसभा का टिकट दिए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि मुलायम सिंह पार्टी के मालिक हैं वो जो चाहें कर सकते हैं। बड़ा सवाल ये उठ रहा था कि राज्यसभा के चुनाव में वो अमर सिंह को वोट देंगे या नहीं। लेकिन वोट देकर उन्होंने अंतरात्मा की आवाज नहीं सुनी और मालिक का आदेश माना।