सावधान लखनऊ वाले: हवा हो गई है जहरीली, कुछ यूं भयानक दिख रहा मंजर
सोमवार को राजधानी लखनऊ को स्मॉग ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। पूरे लखनऊ में प्रदूषण से पैदा हुई धुंध की ये चादर देखने को मिल रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अभी नहीं चेते तो आने वाले समय में लोगों को सांस लेने में और दिक्कत होगी।
लखनऊ: सावधान, लखनऊ की हवा में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। राजधानी लखनऊ की हवा अत्याधिक दूषित हो चुकी है। राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 के पार पहुंच गया तथा हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 107.9 प्रतिशत तथा पीएम 10 की मात्रा 273.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जिसे बहुत अधिक खराब माना जाता है। इसके साथ ही हवा में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है।
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राजधानी लखनऊ को स्मॉग ने अपनी गिरफ्त में ले लिया
सोमवार को राजधानी लखनऊ को स्मॉग ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। पूरे लखनऊ में प्रदूषण से पैदा हुई धुंध की ये चादर देखने को मिल रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अभी नहीं चेते तो आने वाले समय में लोगों को सांस लेने में और दिक्कत होगी। बीते करीब 15 दिन से ही लखनऊ की हवा जहरीली होनी शुरू हो गई थी। बीती 17 अक्टूबर को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 था तथा 19 अक्टूबर को यह 300 पर पहुंच गया और 26 अक्टूबर को तो एक्यूआई 341 पर पहुंच गया।
प्रदूषण बढ़ने का मामला केवल औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित था
हालांकि शुरू में प्रदूषण बढ़ने का मामला केवल औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित था लेकिन फिर धीरे-धीरे इसने राजधानी के लालबाग और हजरतगंज जैसे व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ ही गोमती नगर और अलीगंज जैसे आवासीय क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है।
हालांकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन ने इसके लिए उपाय किए है लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राजधानी के किसान पथ पर चल रहे निर्माण कार्य करा रही इकाइयों, तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र के तीन फैक्ट्रियों तथा शहर में चल रहे कई फ्लाईओवर के निर्माण करने वाली निर्माण इकाइयों को नोटिस जारी किया था।
साथ ही बोर्ड ने शहर की प्रमुख सड़कों पर धूल और अन्य हानिकारक कणों की जांच भी करायी थी
साथ ही बोर्ड ने शहर की प्रमुख सड़कों पर धूल और अन्य हानिकारक कणों की जांच भी करायी थी, जिसमें सामने आया था कि शहर के वायु प्रदूषण में पीएम 10 का 78 प्रतिशत तथा पीएम 2.5 का 66 प्रतिशत सड़क की धूल के कारण हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा लखनऊ जिला प्रशासन ने भी नगर निगम समेत 06 विभागों के साथ बैठक कर हवा को शुद्ध रखने की योजना पर काम शुरू किया था। लेकिन इतनी कवायदों के बाद भी राजधानी की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है।
उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर ने न्यूजट्रैक को बताया
उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर ने न्यूजट्रैक को बताया कि अक्टूबर से दिसंबर तक प्रदूषण की समस्या आती है, इसको देखते हुए बोर्ड ने एक हफ्ते पहले ही इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी थी मानकों का उल्लंघन करने पर संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्रीय कार्यालय से कुछ निर्माण इकाइयों को नोटिस जारी की गई है।
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बता दे कि मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ में कई निर्माण कार्य चल रहे है। जहां शहर के चारो ओर आउटर रिंग रोड़ बनाने के लिए किसान पथ का काम चल रहा है तो शहर के अंदर लालकुआ से नाका चैराहे, टेढ़ी पुलिया तथा शहीद पथ से एयरपोर्ट तक फ्लाईओवर बनाने का काम चल रहा है। इन सभी निर्माण इकाइयों में काफी मात्रा में धूल का उत्सर्जन हो रहा है। इसके अलावा राजधानी में वाहनों से निकलने वाले धुए से भी काफी मात्रा में पीएम-2.5 का उत्सर्जन हो रहा है।
मनीष श्रीवास्तव
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