फौजी की घर वापसी: बदमाशों के खौफ में किया था पलायन, अब योगी राज में लौटा

दशहत, खौफ और आतंक के नाम से जाने जाने वाले बागपत के गांगनोली गांव में अब नई उम्मीदों के सूरज की रोशनी ने नया सेवरा किया है।

Update:2020-09-07 16:44 IST
.पुलिस सुरक्षा में उसने घर वापसी भी की और अपनी उस जमीन पर कब्जा भी लिया जो बंजर हो चली थी...इस फौजी ने मां-बाप सहित परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद कुख्यातों के खौफ से गांव से पलायन किया था

बागपत: योगीराज में बदमाशों पर की गई सख्ती का असर अब तेजी से नजर आने लगा है। बागपत के जिस गांगनोली गांव में मकान बिकाउ हैं के पोस्टर ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। उसी गांव से सात साल पहले पलायन करके गया फौजी अपने परिवार के साथ गांव लौट आया है। पुलिस सुरक्षा में उसने घर वापसी भी की और अपनी उस जमीन पर कब्जा भी लिया जो बंजर हो चली थी। इस फौजी ने मां-बाप सहित परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद कुख्यातों के खौफ से गांव से पलायन किया था।

सात साल बाद घर वापस लौटा फौजी

दशहत, खौफ और आतंक के नाम से जाने जाने वाले बागपत के गांगनोली गांव में अब नई उम्मीदों के सूरज की रोशनी ने नया सेवरा किया है। एसपी बागपत अभिषेक सिंह के धड़ाधड़ एनकाउंटर से इस कुख्यात हो चुके गांव के भी दिन बदलने शुरू हो गए हैं। योगीराज में अपराधियो पर शिकंजा कसने का ये असर हुआ कि आज से सात साल पहले जिस फौजी प्रवेश राठी ने गांव से पलायन करा था।

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पलायन के 7 साल बाद घर वापस लौटा फौजी (फाइल फोटो)

अब वो फिर से अपने गांव लौट आया है। अपनी पत्नी वंदना, बहन बबीता और दो बेटों के साथ ये फौजी अपने उसी घर में लौट आया, जहां उसका बचपन बीता था। पुलिस सुरक्षा में फौजी ने सात साल बाद अपने बंद घर का दरवाजा खोला और इसकी खुशी उसके चेहरे पर भी साफ देखी जा सकती थी। क्योंकि जिस घर को उसने कुख्यातों के खौफ से छोड़ा था, आज खौफ खत्म होने के बाद वो वापिस लौटा है।

बदमाशों के खौफ के चलते किया था पलायन

पलायन के 7 साल बाद घर वापस लौटा फौजी (फाइल फोटो)

थल सेना में आर्मी सर्विस कोर यूनिट में जयपुर में तैनात फौजी प्रवेश राठी के परिवार पर बदमाशों का ऐसा कहर टूटा था कि हिम्मत और हौंसला भी साथ छोड़ने को मजबूर हो गया। इलाके के कुख्यात रहे एक लाख के इनामी प्रमोद राठी और सद्दाम राठी ने 12 दिसंबर को फौजी प्रवेश राठी के भाई प्रवीण और 13 अक्टूबर 2012 को उसके तहेरे भाई संजीव की हत्या कर डाली थी।

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हत्याओं का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा और 13 नवंबर 2013 को फौजी प्रवेश राठी की मां सरोज और पिता रामवीर की पुलिस सुरक्षा में ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद मजबूरी में फौजी प्रवेश राठी ने गांव से पलायन कर दिया। अब योगीराज में धड़ाधड़ बदमाशों के एनकाउंटर हुए और उन पर शिकंजा कसा तो फौजी का विश्वास फिर लौट आया और उसने अपने घर पर ही नहीं बल्कि अपनी उस जमीन पर भी ट्रैक्टर चलाकर कब्जा ले लिया जो बंजर हो चली थी।

बदमाशों के सफाए के बाद हुई फौजी की वापसी

पलायन के 7 साल बाद घर वापस लौटा फौजी (फाइल फोटो)

गांगनौली गांव की गलियों में सन्नाटा रहने लगा था। लोग गांव में घुसने से डरने लगे थे। लेकिन कुछ साल पहले सद्दाम की अपने ही तमंचे से गोली लगने से मौत हो गई और एक लाख के इनामी रहे प्रमोद गांगनोली की हत्या कर दी गई और प्रमोद के भाई प्रवीण गांगनोली को भी एनकाउंटर में घायल कर गिरफ्तार कर लिया गया और इसके बाद अब फौजी की वापसी ने नई उम्मीदों को जन्म दिया है।

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30 अगस्त को कुख्यात प्रमोद गांगनोली के भाई और गांगनोली ग्राम प्रधान के बेटे प्रवीण गांगनोली को पुलिस ने एनकाउंटर में घायल कर सलाखों के पीछे भेजा था। परिजनों और कई ग्रामीणों ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए पुलिस के खौफ से मकान बिकाउ हैं के पोस्टर भी लगा दिए थे। लेकिन कुछ ही दिन में हवा ऐसी बदली कि खौफ खत्म हो गया और सात साल पहले पलायन करके गए फौजी की वापसी हो गई।

रिपोर्ट- पारस जैन

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