जिलाधिकारी ने बाढ़ से निपटने की तैयारियों का लिया जायजा, दिए निर्देश
जिलाधिकारी बहराइच ने बाढ़ से पूर्व राहत व बचाव कार्यों के सम्बन्ध में की गयी तैयारियों का जायज़ा लिया।
Bahraich News: जनपद में हर साल आने वाली संभावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ से पूर्व राहत व बचाव कार्यों के सम्बन्ध में की गयी तैयारियों का जायज़ा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने तहसील महसी अन्तर्गत पिपरा, कायमपुर, गोलागंज व बौंडी समेत विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों, बेलहा बेहरौली तटबंध, स्पर-स्टड निर्माण व मरम्मत कार्यों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने अधिशासी अभियंता सरयू ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा से स्पर निर्माण कार्य व तटबंध मरम्मत के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर अधिशासी अभियंता ने बताया कि गोलागंज, कायमपुर व पिपरा गांव को कटान से बचाने के लिये स्पर-स्टड निर्माण कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। डीएम ने निर्देश दिया कि 15 जून तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने उप जिलाधिकारी महसी एसएन त्रिपाठी को निर्देश दिया कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ चैकियों व बाढ़ शरणालयों को अलर्ट कर दिया जाय।
जिलाधिकारी ने महसी के उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ क्षेत्र का सघन भ्रमण करते रहें और स्थिति पर सतर्क दृष्टि बनाये रखें ताकि बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों को पूरी शिद्दत के साथ संचालित किया जा सके। तहसील प्रशासन के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि हर स्थिति से निपटने के लिए ऐसी प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाय कि बाढ़ के दौरान जन व धन की हानि न होने पाये और सभी पीड़ित व्यक्तियों तक त्वरित राहत पहुंचायी जा सके। उन्होंने बाढ़ शरणालय स्थलों में पेयजल, शौचालय व प्रकाश इत्यादि के माकूल बन्दोबस्त कराये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बाढ़ चैकियों, बाढ़ शरणालयों, चिकित्सा शिविरों, नावों एवं नाविकों की उपलब्धता इत्यादि के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। एसडीएम महसी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ खंड के अभियन्ताओं के साथ पुनः महसी क्षेत्र के स्परों का निरीक्षण कर लें और आवश्यकतानुसार सुदृढ़ीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
जिलाधिकारी कुमार ने कहा कि कमोबेश प्रत्येक वर्ष जनपद को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है। विशेषकर महसी क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होने वाली तहसील है। संभावित बाढ़ के दृष्टिगत राहत व बचाव कार्यों से सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि ऐसी कार्ययोजना तैयार करें कि संभावित बाढ़ के दौरान जान व माल की कम से कम हानि हो। उन्होंने स्वास्थ्य एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मनुष्यों एवं पशुओं के उपचार के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान पशुओं को चारे-पानी की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए तथा सभी जगहों पर एण्टी स्नेक वेनम की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जाय।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि संभावित बाढ़ को ध्यान में रखते हुए राहत व बचाव कार्यों हेतु पुख्ता प्रबन्ध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आपदा पूर्व एनडीआरएफ की टीम बुलाई जाएगी तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।