मासूमों का जीवन दांव पर: अस्पतालों में खत्म हुआ ऑक्सीजन, डॉक्टर ने लगाई गुहार

मेडिकल कॉलेज के पास स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल का संचालन डॉ. ग्यास अहमद कर रहे है। इनके यहां 11 बच्चें वेटिलेटर पर है।

Reporter :  Anurag Pathak
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-04-22 13:35 GMT

निजी अस्पताल में भर्ती मासूम

बहराइच: एक तरफ जहां देश मे ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से सैकड़ों कोरोना मरीजों की मौत की खबरें आ रही हैं, वहीं दूसरी और जिलों में अधिकारियों की मनमानी से ऑक्सीजन की कमी से मासूमों के जीवन पर भी बन आई है। ऑक्सीजन की कमी के कारण प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) में भर्ती बच्चों की जिंदगी दांव पर लगी है। चिकित्सकों के गिड़गिड़ाने के बाद भी सीएमओ द्वारा ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं कराई जा रही है। आलम यह है कि समय रहते ऑक्सीजन नहीं मिला तो 11 बच्चों का जीवन संकट में पड़ सकता है । वहीं सीएमओ ने बेतुका बयान देते हुए कहा है कि ऑक्सीजन की कमी पूरे उत्तर प्रदेश में है।

मेडिकल कॉलेज के पास स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल (Private Hospital) का संचालन डॉ. ग्यास अहमद कर रहे है। इनके यहां 11 बच्चें वेटिलेटर पर है। डॉ. का आरोप है कि बच्चों को ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) की जरूरत है। जिसकी जानकारी सीएमओ बहराइच को बुधवार की शाम को ही दे दी गई थी। जानकारी देने के बाद भी सिलेंडर नहीं उपलब्ध कराया गया। गुरूवार सुबह से ही सीएमओ कार्यालय का चक्कर काटने के बाद भी सिलेंडर देने की अनुमति नहीं दी गई। चिकित्सक का आरोप है कि अगर समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला तो बच्चों की जिंदगी को खतरा है और उन्हें बचा पाना बड़ा मुश्किल है। चिकित्सक ने बताया कि सुबह 11 बजे से ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) पाने के लिए सीएमओ के पास चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन वह अनुमति नहीं दे रहे है। ऐसे में बच्चों की जान जा सकती है।

सीएमओ बहराइच

70 सिलेंडर भी रख लेने के आरोप

डॉ. ग्यास अहमद का आरोप है कि उनके पास खुद के 70 सिलेंडर थे। उनको रिफलिंग के लिए भेजा गया था, लेकिन अब उसको भी रिफलिंग करके नहीं दिया जा रहा है। चिकित्सक का कहना है कि 20 सिलेंडर जिला प्रशासन मुझसे ले ले, लेकिन 50 सिलेेंडर को दे दे। जिससे बच्चों की जान बचाई जा सके।

डॉ. ग्यास अहमद

पूरे उत्तर प्रदेश में है ऑक्सीजन की कमी

डॉ. ग्यास अहमद केवल बच्चों के डाक्टर है। बच्चों के हिसाब से ऑक्सीजन दिया जाएगा। इसके लिए दो डाक्टरों की कमेटी बनाई गई है। इनके जांच के अनुसार ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जाएगी। आक्सीजन की किल्लत पूरे उत्तर प्रदेश में है।

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