Bahraich News: छापे में पकड़ी गई मांस खाने वाली 9.5 कुंतल मांगूर मछली, बैन फिर भी हो रही बिक्री
Bahraich News: जिले में प्रतिबंधित थाई मांगूर मछली के अवैध व्यापार की शिकायतें कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी मोनिका रानी को मिली थी। इस पर डीएम ने कड़ा संज्ञान लेते हुए थाई मांगुर मछली के व्यापार को रोकने हेतु मत्स्य व पुलिस विभाग की संयुक्त गठित की।
Bahraich News: जिले में तहसील क्षेत्र महसी अन्तर्गत लहरपुर सीतापुर के मार्ग से सिसैया खीरी के रास्ते जनपद बहराइच को लाई जा रही प्रतिबंधित थाई मंगूर मछली को पिकअप वाहन समेत मत्स्य व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने पकड़ा है। कार्यवाही में वाहन पर लगभग साढ़े नौ कुण्टल प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पाई गई है। प्रतिबंधित मछली बरामद होने पर एसडीएम ने मछली जप्त कराने का आदेश दिया। साथ ही दुकानदार पर अर्थ दंड लगाने का आदेश दिया।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में प्रतिबंधित थाई मांगूर मछली के अवैध व्यापार की शिकायतें कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी मोनिका रानी को मिली थी। इस पर डीएम ने कड़ा संज्ञान लेते हुए थाई मांगुर मछली के व्यापार को रोकने हेतु मत्स्य व पुलिस विभाग की संयुक्त गठित की। बता दें कि ग्रीन ट्रिब्यूनल और भारत सरकार ने वर्ष 2000 में विदेशी थाई मांगूर मछली को प्रतिबंधित कर दिया था। इस मछली के खाने से कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां पैदा होती हैं।
सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 02 नवम्बर की अपरान्ह में मुखबिर से सूचना मिली कि प्रतिबंधित थाई मांगूर मछली पिकअप वाहन से लहरपुर सीतापुर के मार्ग से सिसैया खीरी के रास्ते जनपद बहराइच को लाई जा रही है। मुखबिर से मिली सूचना पर सहायक निदेशक मत्स्य के नेतृत्व में ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक बाबूराम, पुलिस उपनिरीक्षक दिनेश बहादुर सिंह व आशुतोष सिंह, आरक्षी गौरव कुमार, अमित कुमार व जितेन्द्र यादव की टीम ने पिकअप वाहन को रोककर चेक किया। जांच की कार्यवाही में वाहन पर लगभग साढ़े नौ कुण्टल प्रतिबंधित थाई मांगूर मछली लोड पायी गई। इस दौरान पूछताछ पर वाहन चालक आशीष कुमार पुत्र सुग्रीव प्रसाद ने बताया कि वह ग्राम हिलालपुर, थाना लहरपुर जनपद सीतापुर का रहने वाला है। वाहन चालक ने बताया कि यह माल उसने लहरपुर सीतापुर से नानपारा के लिए लोड किया था।
एडी मत्स्य डॉ. कुमार ने बताया कि इसी दौरान मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी मोतीपुर संजय कुमार व तहसीलदार अम्बिका चौधरी की मौजूदगी में पकड़ी गई सम्पूर्ण प्रतिबंधित थाई मांगूर फिश जिसकी अनुमानित कीमत लगभग लाखों में है, को गड्ढा खोदवाकर नष्ट करवा दिया गया। साथ ही इस कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई गई है। एडी. मत्स्य डॉ. कुमार ने आमजन से अपील किया है कि यदि उनके संज्ञान में प्रबिंधित थाई मंगूर मछली बिक्री की सूचना मिलती है तो उनके मो.न. 9532320002 पर सूचना दे। उन्होंने बताया कि इस सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जायेगा। जिससे सूचना देने वाले को कोई समास्या नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि थाई मांगुर प्रजाति की मछली स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।इसका व्यापक बंगाल के रास्ते देश के अन्य राज्य के अलग-अलग जिलों में अवैध तरीके से इसका कारोबार हो रहा है। विदेशी मांगुर मछली को देसी मांगुर बताकर बाजारों में बेचा जाता है। लोग बड़े शौक से इस मछली को खाते हैं।मांगुर मछली पर प्रतिबंध लगाने के पीछे इससे होने वाला पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान है। मांगुर मछली के खाने से कैंसर और कई गंभीर रोग होते हैं। यह मछली मांस खाती है, जिसकी वजह से इसका शरीर बहुत तेजी से बढ़ता है।मांगुर मछली में आयरन और लेड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण यह इंसान और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है। कहा जाता है कि मांगुर मछली जिस तालाब या जलाशय में रहती है, वहां दूसरी प्रजाति की एक भी मछली या कीड़े-मकोड़े तक नहीं बचते। यह मछली दूसरी मछलियों को भी अपना शिकार बनती है। बताया जाता है कि लगभग एक उंगली साइज की यह मछली तीन महीने में ही आधा किलो तक वजन की विकसित हो जाती है। जबकि सामान्य मछली को इतना विकसित होने में छह से आठ महीने का समय लगता है। काफी कम समय में इस मछली के तेजी से बढ़ने की वजह से इसकी जमकर मांग बढ़ी है।