Bahraich Violence: जुमे की नमाज पर चाक-चौबंद सुरक्षा, बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक, लखनऊ से रखी जा रही नजर
Bahraich Violence: सुरक्षा के लिहाज से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों को 9 सेक्टर में बांटा गया है, जहां पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। पल-पल की अपडेट दी जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय पुलिस और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में है। इसके लिए यहां एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
Bahraich Violence: बहराइच में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हर तैयारी कर रखी है। बहराइच जिले में पिछले दिनों हुई हिंसा के बाद से प्रशासन और पुलिस काफी मुस्तैद है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था और टाइट कर दी गई है। वहीं आज बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री कार्यालय भी बहराइच पर नजरें लगा हुए है। पल-पल की अपडेट दी जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय पुलिस और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में है। इसके लिए यहां एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
9 सेक्टर में बांटा गया है
जिले में देर रात से ही रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स के जवान ड्यूटी पर लगा दिए गए हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के समय काफी भीड़ हो सकती है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के लिहाज से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों को 9 सेक्टर में बांटा गया है, जहां पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय बहराच की पुलिस और प्रशासन से लगातार संपर्क में है। वहीं वीडियो फुटेज के माध्यम से हिंसा के उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
शांति बनाए रखने की अपील
पुलिस ने हिंसा के इस पूरे मामले में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 100 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्र महाराजगंज में रूट मार्च किया। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस पूरी तरह से तैनात है। मुख्यमंत्री कार्यालय से पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ली जा रही है। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि महाराजगंज और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों द्वारा बनाए गए वीडियो से भी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
कब और कैसे हुई हिंसा?
बीते रविवार की शाम करीब छह बजे बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव का रहने वाला 22 साल का रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस में आगे-आगे चल रहा था। जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई और देखते ही देखते ये कहासुनी बवाल में बदल गई। आरोप है कि इसी दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई। इस बीच गोलीबारी हो गई, जिसमें रामगोपाल मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे बहराइच मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल और अधिक उग्र हो गया। लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की।