Bahraich Violence: बहराइच हिंसा में तहसीलदार समेत तीन अफसरों पर अब तक एक्शन, 103 उपद्रवियों को भेजा जा चुका जेल

Bahraich Violence: हिंसा में 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। छह नामजद आरोपितों के अलावा 1,304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस अब तक रामगोपाल हत्याकांड में शामिल 6 आरोपियों समेत दोनों पक्षों से अब तक 103 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

Update:2024-10-19 21:20 IST

बहराइच हिंसा में तहसीलदार समेत तीन अफसरों पर अब तक एक्शन, 103 उपद्रवियों को भेजा जा चुका जेल: Photo- Newstrack

Bahraich Violence: यूपी के बहराइच जिले के महराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पत्थरबाजी के बाद विवाद हो गया था। दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा विसर्जन में शामिल रेहुआ निवासी रामगोपाल मिश्र की निर्मम हत्या के बाद हालात बेकाबू हो गए थे और जगह-जगह उग्र प्रदर्शन व आगजनी की घटनाएं शुरू हो गई थीं। जिसके बाद महाराजगंज में हुए उपद्रव के बाद अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। महसी सर्किल के सीओ रुपेन्द्र गौड़ निलंबित किए जा चुके हैं।

बहराइच हिंसा को लेकर इनपर हुई कार्रवाई

जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस को बहराइच से हटाकर मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया है। इसके साथ ही लापरवाही सामने आने पर तहसीलदार महसी रविकांत द्विवेदी को हटाकर उनका चार्ज प्रभारी के तौर पर नायब तहसीलदार सौरभ सिंह को सौंपा गया है। वही महसी सर्किल के सीओ रुपेन्द्र गौड़ निलंबित करने के बाद रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को सीओ महसी का कार्यभार सौंपा गया है।


हिंसा में 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। छह नामजद आरोपितों के अलावा 1,304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस अब तक रामगोपाल हत्याकांड में शामिल 6 आरोपियों समेत दोनों पक्षों से अब तक 103 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसके साथ अभी और भी स्थानीय स्तर पर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। खासकर घटना के बाद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने व आपत्तिजनक संदेश प्रसारित करने वालों को चिह्नित कराया जा रहा है।

हिंसा अचानक नहीं भड़की

सूत्रों के मुताबिक बहराइच के महराजगंज में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची तो तय योजना के अनुसार श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया।


धीरे-धीरे हो रहा सामान्य जीवन

हालांकि उपद्रव प्रभावित रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर, खैरा बाजार जैसे क्षेत्रों में अब दुकानें खुली हुई है और सामान्य जीवन धीरे- धीरे पटरी पर लौट रही है। बावजूद अभी लोगों के अन्दर खौफ है, बावजूद लोग बजारों में निकले और रोजमर्रा के जरुरी सामान खरीदते नजर आ रहे हैं। इस संप्रदायिक हिंसा में चार दिनों तक जनजीवन प्रभावित रहा। लोग घरों में कैद रहे।

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