Bahraich Violence: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बहराइच हिंसा का मामला, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका

Bahraich Violence: बहराइच हिंसा में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी समेत तीन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें बुलडोजर एक्शन को तुरंत रोकने की मांग की गई है।

Newstrack :  Network
Update:2024-10-20 17:41 IST

Bahraich Violence (Pic: Social Media)

Bahraich Violence: बहराइच हिंसा मामले में अब नया मोड़ सामने आ रहा है। बुलडोजर एक्शन रोकने के लिए बहराइच हिंसा से जुड़े तीन आरोपियों और रिश्तेदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी भी शामिल है। 13 अक्टूबर को बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद PWD ने 23 घरों पर अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए नोटिस चस्पा कर दिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था। इनमें 20 मुस्लिम और तीन हिंदुओं के घर शामिल हैं। आज अतिक्रमण हटाने का तीसरा यानी आखिरी दिन है।  

सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। इसी याचिका में एक इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल की गई है। इसके तहत बहराइच हिंसा के बाद PWD की कार्रवाई को रोकने की बात कही गई है। याचिका में कहा गया है कि 23 घर जिनपर नोटिस चिपकाया गया है उनमें अधिकतर किसान और फेरीवालों के हैं। साथ ही दावा किया गया कि यह 10 से 70 साल पुराने हैं। इसलिए इनपर बुलडोजर न चलाया जाए। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि महज तीन दिन का समय इसलिए दिया गया ताकि कोई कानूनी कार्रवाई न की जा सके।  

शुक्रवार को लगाई गई नोटिस

बीते शुक्रवार को देर शाम 23 घरों पर अवैध अतिक्रमण की नोटिस लगा दी गई। खाली करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया। आज तीसरा दिन ही है। इसमें मुख्य आरोपी का घर भी शामिल है। 23 में तीन घर हिंदुओं के हैं। तीनों हिंदू सगे भाई भी हैं। इसके अलावा 20 मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। इसे ही रोकने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है। हाल ही में यूपी सरकार की बुलडोजर नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार भी लगाई थी। इसे लेकर एक याचिका भी दाखिल की गई है। पहले से दाखिल याचिका में ही इंटरवेंशन एप्लिकेशन के जरिए सुनवाई कर बहराइच में बुलडोजर एक्शन रोकने की मांग की गई है।  

13 अक्टूबर को हुई थी हिंसा

13 अक्टूबर, रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा के चलते रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई भी की। मुख्य आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया। जिला जज के सामने पेशी के बाद गिरफ्तार पांच आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। घटना के बाद ही PWD भी एक्टिव हो गया। जानकारी के मुताबिक सड़क से सात मीटर के भीतर तक बनाए गए मकान अवैध माने जाते हैं। प्रशासन ने इसी आधार पर कार्रवाई की है। 

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