Bahraich Danga : बहराइच हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई, एएसपी ग्रामीण को हटाया गया, इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी

Bahraich Danga : बहराइच हिंसा मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन को हटा दिया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-10-21 16:03 IST

Bahraich Danga : बहराइच हिंसा मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन को हटा दिया है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। उनके स्थान पर एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले भी कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

बहराइच के महसी में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी, इसमें एक व्यक्ति रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी। इस मामले में योगी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। एएसपी ग्रामीण पर गाज गिरने से पहले भी कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। बताया जा रहा है कि अभी अन्य अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

इनके खिलाफ भी हो चुकी कार्रवाई

इससे पहले जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस को बहराइच से हटाकर मुख्यालय संबद्ध कर दिया गया है। इसके साथ ही लापरवाही सामने आने पर तहसीलदार महसी रविकांत द्विवेदी को हटाकर उनका चार्ज प्रभारी के तौर पर नायब तहसीलदार सौरभ सिंह को सौंपा गया है। वहीं, महसी सर्किल के सीओ रुपेन्द्र गौड़ निलंबित करने के बाद रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को सीओ महसी का कार्यभार सौंपा गया है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि बहराइच के महराजगंज में प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान विवाद हो गया था। इस दौरान रेहुआ निवासी रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या कर दी गई थी, इसके बाद हालात बेकाबू हो गए और जगह-जगह उग्र प्रदर्शन व आगजनी की घटनाएं शुरू हो गई थीं। जिसके बाद महाराजगंज में हुए उपद्रव के बाद अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। हिंसा में 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। छह नामजद आरोपितों के अलावा 1,304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस अब तक रामगोपाल हत्याकांड में शामिल 6 आरोपियों समेत दोनों पक्षों से अब तक 103 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक, हिंसा अचानक नहीं भड़की थी, इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची तो तय योजना के अनुसार श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया।

धीरे-धीरे हो रहा सामान्य जीवन

हालांकि उपद्रव प्रभावित रमपुरवा, भगवानपुर, हरदी, शिवपुर, खैरा बाजार जैसे क्षेत्रों में अब दुकानें खुली हुई है और सामान्य जीवन धीरे- धीरे पटरी पर लौट रही है। बावजूद अभी लोगों के अन्दर खौफ है, बावजूद लोग बजारों में निकले और रोजमर्रा के जरुरी सामान खरीदते नजर आ रहे हैं। इस संप्रदायिक हिंसा में चार दिनों तक जनजीवन प्रभावित रहा। लोग घरों में कैद रहे।

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