बहराइच में भेड़िया का आतंक : 'वन्य जीव न घुसने पाए, इसलिए घरों में लगवाए जा रहे दरवाजे', अब तक चार भेड़िया पकड़े गए
Bahraich News : जिला के प्रभारी मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन में भी बैठक की
Bahraich News : यूपी के कैबिनेट मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने गुरुवार को एमएलसी डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी व विधायक नानपारा राम निवास वर्मा, डीएम मोनिका रानी, एसपी वृन्दा शुक्ला, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेन्द्र द्विवेदी, एसडीओ वन नानपारा अशोक कुमार सहित जिले के अन्य अधिकारियों के साथ तहसील महसी में हिंसक वन्यजीवों के कारण उत्पन्न परिस्थियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई, इसे लेकर समीक्षा बैठक की। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिगत अब तक स्थानीय ग्रामवासियों के लिए क्या प्रभावी सुरक्षा की गई, इस पर गहन समीक्षा की।
जिला के प्रभारी मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन में भी बैठक की। मंत्री को बैठक में डीएम मोनिका रानी ने बताया कि हिंसक भेड़िया के हमले से प्रभावित/सक्रियता क्षेत्रों में क्रिटिकल गैप योजना अन्तर्गत चिन्हित 40 स्थानों पर सोलर स्ट्रीट लाईट तथा 10 स्थानों पर सोलर हाईमास्ट लाईट की स्थापना उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण द्वारा स्वीकृत दरों एवं मानक के आधार पर कराई जा रही है। डीएम ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को शौच के लिए घर से बाहर न जाना पड़े इसके लिए पंचायती राज विभाग के माध्यम से शौचालय विहीन घरों को स्वच्छ शौचालय योजना से आच्छादित किया जा रहा है। दरवाज़ा विहीन घरों में बहराइच वन प्रभाग के सहयोग से दरवाज़े लगवाये जा रहे हैं ताकि कोई भी जीव बे-रोक-टोक घरों में प्रवेश न कर सके।
टोलियां बनाकर की जा रही निगरानी
डीएम ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम अन्तर्गत वाहनों पर ध्वनिविस्तारक यंत्र के माध्यम से लोगों को सुरक्षा अपनाने, बाहर न सोने की बाबत जागरूक किया जा रहा है। हिंसक भेड़िया के हमले से प्रभावित/सक्रियता क्षेत्रों में प्रभाग तथा वृत्त एवं उच्च स्तर से गठित गश्ती दलों द्वारा राउण्ड-द-क्लाक गश्त कर चौकसी की जा रही है। गश्ती दल डोर-टू-डोर जाकर लोगों को सावधानी बरतने का सुझाव दे रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय नागरिक भी टोलियां बनाकर निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा हिंसक जानवरों को मानव बस्ती से दूर रखने के लिए पटाखों का भी सहारा लिया जा रहा है।
चार भेड़ियों को पकड़ा गया
डीएम ने बताया कि हिंसक भेड़ियों का सही लोकेशन जानने हेतु गश्ती दलों द्वारा फुटप्रिन्ट खोजने के साथ-साथ आसमानों से भी ड्रोन एवं थर्मल ड्रोन कैमरों के माध्यम से सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। ग्रामवासियों का व्हाट्सएस ग्रुप बनाकर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। प्रभावित व सक्रियता क्षेत्रों में संवेदनशील स्थलों पर 08 ट्रैपिंग कैमरों के साथ-साथ सभी संभावित स्थानों पर पिजड़े भी लगाये गये हैं। डीएम ने बताया कि वन विभाग की सक्रियता एवं अथक प्रयास के फलस्वरूप 01 माह के अन्दर 04 भेड़ियों को पकड़ा भी जा चुका है। साथ ही हिंसक भेड़ियो के हमले से हुई जनहानि के फलस्वरूप 05 मृतकों के हिताधिकारियों के खातों में अहैतुक सहायता (जनहानि) के रूप में 05-05 लाख की आर्थिक सहायता भेजी जा चुकी है।\
डीएम ने बताया कि अन्तर्गत हिंसक वन्य जीव भेड़िया के हमलों पर प्रभावी अंकुश के उद्देश्य से क्षेत्र के ग्राम प्रधानों, सचिवों, कोटेदारों, रोजगार सेवकों व अन्य के साथ आयोजित बैठक के दौरान ग्राम प्रधानों को निर्देश दिया कि अपने-अपने ग्राम पंचायतों में टोलियों का गठन कर उनसे तीन से चार घंटे की शिफ्टों में पहरेदारी करायी जाय। साथ ही ग्राम प्रधान ग्रामवासियों को इस बात के लिए जागरूक करें कि खुले स्थानों विशेषकर खेतों से सटे हुए क्षेत्रों में एवं खुले स्थान पर न सोएं तथा अपने बच्चों को बाहर हरहाल में न सोने दें।
डोर टू डोर किया जा रहा जागरूक
डीएम ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा, एनम, सफाईकर्मियों एवं अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि डोर-टू-डोर जाकर लोगों को जागरूक करें तथा खेतों के किनारे बसे घरों में महिलाओं के साथ बैठक कर उन्हें प्रेरित करें कि खुले में न सोयें। इसके अलावा कोटेदारों को निर्देश दिया गया है कि खाद्यान्न वितरण के समय आने वाले कार्डधारकों को भी हिंसक वन्य जीव के हमले के प्रति आगाह करें तथा खुले में न सोने केे लिए जागरूक करें।
प्रभारी मंत्री डॉ. निषाद ने हिंसक जीवों के हमलों पर प्रभावी अंकुश के लिए जिला प्रशासन द्वारा किये गये उपायों पर संतोष जताते हुए कहा कि सभी विभाग मिशन मोड के साथ कार्य कर हिसंक जीवों के शीघ्र से शीघ्र ट्रैप कर स्थानीय लोगों का इस समस्या से निजात दिलायी जाय। डॉ. निषाद ने कहा कि ऐसा हिंसक वन्य जीव का आक्रामण 22 वर्ष के बाद देखने को मिल रहा है जो चिंतित करने वाली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी इस घटना को लेकर अत्यन्त संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान के लिए यदि किसी भी स्तर उनके सहयोग की आवश्यकता है तो सम्बन्धित विभाग उन्हें अवगत करा दें ताकि शासन स्तर से प्रयास किया जा सके।