राष्ट्रपति भवन में देश की दो महिला शख्सियतों की मुलाकात, मायावती ने द्रोपदी मुर्मू को दी शुभकामनाएं
Mayawati Meets President: यह 'महिला सशक्तीकरण' का जीता-जागता उदाहरण है। जहां, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर विराजमान हैं, तो मायावती देश के सबसे बड़े सूबे की चार बार सीएम रह चुकी हैं।
Mayawati Meets President: देश की दो बड़ी शख्सियत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (Bahujan Samaj Party Supremo Mayawati) की मुलाक़ात हुई। यह हिंदुस्तान के 'महिला सशक्तीकरण' का जीता जागता उदाहरण है। जहां, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर विराजमान हैं तो वहीं मायावती भी देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। मायावती सोमवार को राष्ट्रपति भवन (President's House) पहुंची और द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली मुलाकात की।
मायावती ने मुलाकात की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए सिलसिलेवार ट्वीट कर विपक्षी दलों पर निशाना भी साथ दिया। अपने ट्वीट में सपा, कांग्रेस और जिन दलों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया था उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'अगर सही और सार्थक प्रयास किया गया होता तो अनुसूचित जाति से आने वाली द्रौपदी मुर्मू निर्विरोध चुनाव जीतकर इतिहास रच सकती थीं। द्रौपदी मुर्मू ने भले ही यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया हो, लेकिन मायावती यह चाहती थीं कि वह निर्विरोध निर्वाचित होकर राष्ट्रपति बने।
मायावती का ट्वीट
माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से राष्ट्रपति भवन में आज काफी अच्छी मुलाकात हुई। अनुसूचित जनजाति (एसटी) समाज से ताल्लुक रखने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने पर उनसे मिलकर उन्हें औपचारिक तौर पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। वे समाज व देश का नाम रौशन करें, यही कामना। वैसे तो बीएसपी (BSP) व अन्य पार्टियों ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उन्हें अपना समर्थन दिया और वे भारी मतों से विजयी हुई, किन्तु अगर थोड़ा और सही व सार्थक प्रयास किया गया होता तो वे सर्वसम्मति से यह चुनाव जीत कर एक और नया इतिहास ज़रूर बनातीं। देश को उनसे बहुत सारी आशाएं'।
गौरतलब है कि, हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन बहुजन समाज पार्टी ने किया था। द्रौपदी मुर्मू के सामने टीएमसी के नेता यशवंत सिन्हा थे जिन्हें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों का समर्थन हासिल था। मायावती का ट्वीट इसी सापेक्ष में था जिन्होंने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया।