बलिया में अटखेलियां करतीं डॉल्फिन, बनीं जल पर्यटन की अपार संभावनाएं
जिलाधिकारी श्री शाही ने बताया कि गंगा नदी के जल की अविरलता-निर्मलता के लिए नदी में डॉल्फिन का पाया जाना बहुत सुखद है।
बलिया जिन डाल्फिनों को देखने लाखों पर्यटक उड़ीसा की चिल्का झील में जाते हैं और एक डाल्फिन को देखने के लिए घंटों इंतजार करते हैं, उन्हीं डाल्फिनों का बड़ा कुनबा बलिया जिले में बह रही गंगा नदी में है। शनिवार की सुबह जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने गंगा में भ्रमण किया और करीब सौ से अधिक डॉल्फिन देखी। तय कार्यक्रम के मुताबिक जिलाधिकारी एच पी शाही और मुख्य विकास अधिकारी डॉ विपिन जैन
जिले में प्रवाहित गंगा नदी के जल एवं जलजीवों का भौतिक सत्यापन करने के लिए आज सुबह तमसा नदी के तट पर स्थित सागरपाली पहुँचे। वहां से एनडीआरएफ की बोट पर सवार हुए और गंगा-तमसा के संगम पर गंगा में गुलाटी मारती सूंसों (डाल्फिन) के झुण्डों के बीच पहुँच गए। जिलाधिकारी श्री शाही ने बताया कि गंगा नदी के जल की अविरलता-निर्मलता के लिए नदी में डॉल्फिन का पाया जाना बहुत सुखद है।
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गंगा नदी में जल पर्यटन की अपार संभावना
भ्रमण के दौरान सागरपाली से लेकर बड़काखेत तक गंगा नदी में डाल्फिनों के वयस्क व बच्चे बड़े आनंद से विचरण करते मिले। जिलाधिकारी ने बताया कि गंगा नदी में जल पर्यटन की अपार संभावना है। जो पर्यटक डॉल्फिनों के पानी पर उछलने का आनंद उठाने के शौकीन हैं, उन्हें गंगा नदी के ये अनछुए तट आकर्षित करेंगे।
लोग दूरदराज के अन्य प्रांतों में इन्हीं डॉल्फिन को देखने के लिए धन खर्च करते हैं और काफी देर इंतजार करते हैं। डॉल्फिन मछली का बड़ी संख्या में गंगा में होना काफी सुखद है। इससे बलिया में पर्यटन की संभावनाओं को भी बल मिलेगा। इस जलयात्रा के दौरान रोमांचक जीवन और मछलियां मारने का आनंद लेने आये इंदारा मऊ के बुनकरों की टोलियां भी मिलीं।
कृष्णाजिन मृगों एवं चीतलों की तलाश में दियारे में घूमे
भ्रमण के दौरान गंगा की तलहटी में कृष्णाजिन मृगों एवं चीतलों के होने की जानकारी मिली, जिनकी खोज में अधिकारी काफी देर तक दियारा में टहलते रहे। हालांकि, तब तक धूप काफी हो गयी थी, जिसकी वजह से इनके झुंड तो नहीं दिखाई पड़े। लेकिन स्थानीय लोगों ने इनकी काफी संख्या में होने की बात बताई।
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तट तक बुलेट से पहुंचे डीएम-सीडीओ
गंगा नदी में डॉल्फिन व अन्य जलजीवों का भौतिक स्थिति देखने के लिए डीएम श्रीहरि प्रताप शाही व सीडीओ विपिन जैन गंगा-तमसा के संगम पर पहुंचे। इस दौरान अधिकारी द्वय सरकारी गाड़ी से नहीं, बल्कि वहां तक बुलेट से गए। सीडीओ ड्राइव कर रहे थे और डीएम बैठे थे। वहां पहुंचने के बाद एनडीआरएफ की बोट से गंगा में उतरे।
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मलजल के ट्रीटमेंट के लिये पाँच क्यूसेक क्षमता के प्लांट पर चर्चा
जिलाधिकारी श्री शाही व सीडीओ डॉ जैन ने गायत्री शक्तिपीठ के सामने बनी साइफन पुलिया के दोनों साइड का निरीक्षण किया। इस मलजल के ट्रीटमेंट के लिये पाँच क्यूसेक क्षमता का प्लांट पुलिया के पास ही बनाने पर चर्चा की। इससे शहर का मलजल महावीर घाट पर साफ होने के बाद कटहल नाले में जाएगा। इसके अलावा महाबीर घाट से जमुआं तक के छठपूजा के घाटों पर नाले का तलछट निकालने, कूड़े के अंबार को समतल कर मिट्टी से ढ़कने के लिए नगरपालिका को निर्देशित किया जाएगा।
अनूप कुमार हेमकर