बलिया में शिक्षकों पर एक्शन, 23 वर्ष से फर्जी तरीके से कर रहे नौकरी
उन्होंने लिहाजा खंड शिक्षा अधिकारी सीयर को जांच सौंप दी। जांच अधिकारी ने दोनों शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में दर्ज नाम, पता व जाति के आधार पर जांच शुरू की। जांच अधिकारी ने अपनी जांच आख्या सौंप दी ।
बलिया: बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के नाम पर फर्जी तरीके से पिछले 23 वर्ष से नौकरी कर रहे दो सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर इनको देय वेतन की रिकवरी व इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है ।
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने आज बताया
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने आज बताया कि जिले के शिक्षा क्षेत्र सीयर के उच्च प्राथमिक विद्यालय , डफलपुरा पर तैनात सहायक अध्यापक हृदयनारायण व उच्च प्राथमिक विद्यालय, ककरासो पर तैनात सहायक अध्यापक सुरेश चंद्र के खिलाफ अवध किशोर चौहान निवासी , घेवड़ा, थाना-भलुवनी, देवरिया ने शपथ पत्र के साथ शिकायत की थी कि दोनों नाम, जाति व पता बदलकर दूसरे के अंक व प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे हैं । बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोनों शिक्षकों से मूल अभिलेख के साथ तलब किया, लेकिन ये उपस्थित नहीं हुए ।
उन्होंने लिहाजा खंड शिक्षा अधिकारी सीयर को जांच सौंप दी
उन्होंने लिहाजा खंड शिक्षा अधिकारी सीयर को जांच सौंप दी। जांच अधिकारी ने दोनों शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में दर्ज नाम, पता व जाति के आधार पर जांच शुरू की। जांच अधिकारी ने अपनी जांच आख्या सौंप दी । इसके मुताबिक सुरेश चंद्र का सही नाम व पता राम कृपाल चौहान पुत्र लल्लन प्रसाद ,जाति नोनिया, निवासी : ग्राम घेवड़ा, पोस्ट टेकुआ, थाना भुलअनी, जनपद देवरिया है, जबकि इसकी सर्विस बुक पर जाति चमार, गांव+पोस्ट-भुलअनी, जनपद-देवरिया दर्ज है।
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इसी तरह हृदयनारायण का सही नाम व पता उमेश चौहान , जाति नोनिया, ग्राम बगहा चौरी, पोस्ट-हाटा, थाना भुलअनी, जिला देवरिया है, जबकि सर्विस बुक पर जाति चमार, गांव गडेर, तप्या-रायपुरा , जिला देवरिया दर्ज है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए दोनों सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर इनको देय वेतन की रिकवरी का आदेश दिया है। उन्होंने दोनों फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी सीयर को दिया है। दोनों फर्जी शिक्षक नाम और जाति बदलकर कुटरचित अभिलेख के सहारे वर्ष 1997 से नौकरी कर रहे थे।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर
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