UP Loksabha 2024: बलिया में सनातन पांडेय बढ़ाएंगे नीरज शेखर की मुश्किलें, सपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतार कर किया खेल

UP Loksabha Election 2024: बलिया में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और ऐसे में राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नीरज शेखर के लिए चुनावी राह आसान नहीं होगी।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-04-22 11:40 GMT

UP Loksabha Election 2024 Cadidates (Photo: Social Media)

UP Loksabha Election 2024: बिहार से सटी बलिया लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र और राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को चुनाव मैदान में उतारा है।

2019 के लोकसभा चुनाव में सनातन पांडेय ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी और माना जा रहा है कि इस बार भी भाजपा और सपा के बीच सीट पर कड़ा मुकाबला होगा। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस सीट पर लल्लन सिंह यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। बलिया में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और ऐसे में राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नीरज शेखर के लिए चुनावी राह आसान नहीं होगी।

2019 में भाजपा को दी थी कड़ी चुनौती

बलिया लोकसभा सीट को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के फैसले का कई दिनों से इंतजार किया जा रहा था। इस सीट पर सपा मुखिया ने 2019 में मिली हार के बावजूद एक बार फिर सनातन पांडेय पर भी भरोसा जताया है। सपा की ओर से आज उनके नाम का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सनातन पांडेय ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी।

2019 में भाजपा ने वीरेंद्र सिंह मस्त को अपना प्रत्याशी बनाया था और मस्त ने 4,69,114 मतदाताओं का समर्थन हासिल किया था। दूसरी ओर सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे सनातन पांडेय ने 4,53,595 मत हासिल करते हुए मस्त को कड़ी चुनौती दी थी। इस चुनाव में मस्त 15,519 वोटों से जीत हासिल करने में जरूर कामयाब हुए थे मगर सनातन पांडेय ने भी अपनी ताकत दिखा दी थी।

सपा ने बढ़ाई नीरज शेखर की मुश्किलें

भाजपा ने इस बार लंबे मंथन के बाद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटते हुए राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को चुनाव मैदान में उतारा है। अब सपा की ओर से उनके खिलाफ सनातन पांडेय को चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद कड़े मुकाबले की बिसात बिछ गई है। माना जा रहा है कि सनातन पांडेय की उम्मीदवारी भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर की मुश्किलें बढ़ाने वाली साबित होगी।

सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चिलकहर विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि परिसीमन के कारण अब इस विधानसभा सीट का अस्तित्व खत्म हो चुका है। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव के अखाड़े में उतारा मगर सनातन पांडेय जीत नहीं हासिल कर सके। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत तो नहीं मिली मगर उन्होंने भाजपा की प्रत्याशी की नाक में दम जरूर कर दिया। अब पार्टी ने 2024 की सियासी जंग में उन पर फिर भरोसा जताया है और ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि वे नीरज शेखर को कैसी चुनौती दे पाते हैं।

2014 में चुनाव हार गए थे नीरज शेखर

इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे नीरज शेखर ने 2014 में सपा के टिकट पर बलिया सीट से चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में उन्हें 2 लाख 20 हजार 324 मत मिले थे। 2014 में भाजपा प्रत्याशी भरत सिंह ने 4 लाख 59 हजार 760 वोट हासिल करके नीरज शेखर को करारी शिकस्त दी थी।

उस चुनाव में कौमी एकता दल के बैनर तले अफजाल अंसारी ढी चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्हें 1 लाख 63 हजार 943 मत मिले थे। बसपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार पाठक ने 1 लाख 41 हजार 684 मत हासिल किए थे। अब भाजपा की ओर से क्षत्रिय और सपा की ओर से ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे जाने के बाद जातीय गोलबंदी तेज होने की संभावना भी जताई जा रही है।

बलिया का जातीय समीकरण

बलिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां करीब तीन लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। इसके बाद यादव, राजपूत और दलित वोट हैं। तीनों वर्ग की आबादी करीब ढाई-ढाई लाख है। मुस्लिम वोट बैंक भी इस क्षेत्र में करीब एक लाख है। बलिया के दोआबा और नगर विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में यदि सनातन पांडेय यादव और ब्राह्मण मतों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे तो नीरज शेखर के लिए काफी मुश्किल पैदा हो जाएगी।

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