Balrampur News: राप्ती नदी का तांडव! तेज धारा में समां रहे खेत और मकान, बाढ़ राहत के दावों की उड़ी धज्जियां
Balrampur News: बलरामपुर में राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है। स्थानीय तहसील क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव इसकी चपेट में आ चुके हैं।
Balrampur News: बलरामपुर में राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है। स्थानीय तहसील क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव इसकी चपेट में आ चुके हैं। बीते दिनों आई बाढ़ के बाद नदी के समीपवर्ती गांवों में तकरीबन सवा दो सौ बीघा खेत व कई मकान नदी की धारा में समाहित हो चुके हैं। साथ ही कई घर व सैकड़ों बीघा खेत अभी भी कटान की जद में हैं।
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कटान पीड़ितों में बढ़ रहा आक्रोश
कटान के चलते जहां कई घरों का अस्तित्व खतरे में है वहीं, विभाग कटान रोकने के लिए केवल खानापूर्ति में जुटा है। विभागीय प्रशासन की उदासीनता को लेकर कटान पीड़ितों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिले के तहसील उतरौला क्षेत्र के बिरदा, लालनगर, फत्तएपउर, मिलौली बाघाजोत, परसौना, सुरिहया देवर, गओनकओट, मधुवाधनी और भरवलिया व बौड़िहार जैसे गांवों में राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है। बीते दिनों आई बाढ़ के बाद कटान से इन गांवों में तकरीबन सवा दो सौ बीघा खेत नदी की धारा में समाहित हो चुकी है। साथ ही अशफाक खान, अबरार खान व शादाब सहित तमाम लोगों के घर भी नदी की धारा में समां चुके हैं।
अपना आशियाना छोड़ किराए के मकान में रह रहे लोग
नदी की कटान में घर गंवा चुके लोग अब उतरौला में किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण आफाक, अतीक अहमद, अशोक कुमार, राम केवल, अवधराम, रामानुजन, अली बहादुर, सालिकराम, राम कुमार, खुर्शीद अली, केवल राम, मंजूर अली व रज्जब अली आदि के मकान व खेत भी कटान की जद में हैं। नदी की कटान को रोकने के लिए प्रशासन यदि जल्द ही प्रभावी ढंग से कटानरोधी कार्य न कराया गया तो इन लोगों के घर व खेत का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा।
कटान स्थलों पर तटबंध बनाने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग कटान रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। कटानरोधी कार्य के नाम पर कुछ स्थानों पर जीओ बैग व परक्यूपाइन का कार्य कराया गया था लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते कटान नहीं रुक पा रही है। पीड़ितों ने विभागीय लापरवाही के खिलाफ आक्रोश जताते हुए खेत व घर को कटान से बचाने के लिए कटान स्थलों पर बोल्डर, पिचिंग आदि का कार्य कराए जाने की मांग की है।
ये कहना है एसडीएम का
एसडीएम उतरौला अवधेश कुमार ने बताया कि बीते दिनों आई बाढ़ के चलते राप्ती नदी के सीमावर्ती गांवों में एक बार फिर कटान का खतरा बढ़ गया है। इसे रोकने के लिए पूर्व में कुछ कार्य कराए गए थे। अब जिन गांवों में कटान हो रही है, वहां बाढ़ खंड के अधिकारियों को निरीक्षण कर प्रभावी कार्य कराने का निर्देश जा चुका है।
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Balrampur News: शिवेंद्र तिवारी की मौत ने लिया नया मोड़, परिजन बोले- सफारी चला रहा दोस्त कैसे बच गया!
Balrampur News: उतरौला-बलरामपुर मार्ग पर बीते शुक्रवार को मझोवा गांव के पास सफारी कार में युवा नेता शिवेंद्र तिवारी की मौत हो गई थी। शिवेंद्र की मौत का रहस्य गहराता चला जा रहा है। पुलिस ने शिवेंद्र तिवारी के कार चालक सहित अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की है। पुलिस जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कार में शिवेंद्र का शव मिला था
बता दें कि मृतक शिवेंद्र तिवारी के पिता अभिलाष तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि शुक्रवार की शाम उनके बेटे शिवेंद्र का मित्र दीपू सिंह मोटरसाइकिल से उसके घर आया और अपनी मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर शिवेंद्र को उसकी सफारी कार से बैठाकर श्रीदतगंज लेकर चला गया। जबकि दूसरी सूचना मिली कि मझोवा गांव के पास पुल के नीचे सफारी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। उनका बेटा अस्पताल में भर्ती है लेकिन जब पूरी जानकारी की तो पता चला कि शिवेंद्र की गाड़ी सड़क किनारे खाई में गिर गई और कार में शिवेंद्र का शव मिला है।
दोस्त ने क्यूं नहीं दी पुलिस को जानकारी!
मृतक के पिता राम अभिलाष का आरोप है कि जब कार दुर्घटनाग्रस्त हुई और कार चला रहा दीपू कार से सही सलामत बाहर निकल आया तो उसने शिवेंद्र को बचाने या पुलिस एवं परिवार को जानकारी क्यों नहीं दी और अपने घर जाकर क्यों सो गया। मृतक शिवेंद्र के पिता का आरोप है कि उनके बेटे की दीपू एवं उनके दोस्तों ने मिलकर हत्या की और हत्या को छिपाने के लिए दुर्घटना का रूप दिया गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विमलेश सिंह ने बताया कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
शिवेंद्र तिवारी कार का दुर्घटना ग्रस्त होकर पानी भरे खाई में पलट जाना और ड्राइवर दीपू का बिना चोट खाए सही सलामत बीच कर निकल आना, हादसे की सूचना पुलिस या शिवेंद्र तिवारी के परिजनों को सूचना न देकर अपने घर पर आकर सो जाना, शिवेंद्र तिवारी की मौत के शक को गहरा बना रहा है।
ऐसे हुई थी घटना
गौरतलब है कि बीती शनिवार को उतरौला-बलरामपुर मार्ग पर मझौवा गांव के पास पुल पर सफारी कार सड़क के किनारे पानी भरे खाई में गिरी मिली थी। पुलिस ने जानकारी होने पर शनिवार रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू ऑपरेशन में क्रेन से कड़ी मशक्कत के बाद सफारी कार को बाहर निकल गया। जिसमें सवार शिवेंद्र तिवारी की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने जिसकी सूचना मृतक के परिजनों को दी थी। परिजन मौके पर पहुंचे और विभिन्न बिंदुओं पर विचार करके आरोप लगाया कि उनके बेटे शिवेंद्र की साजिश के तहत हत्या करके उसे दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया गया है। मृतक शिवेंद्र के पिता ने संबंधित थाने में एफआईआर हेतु प्रार्थना पत्र दिया था कि कार चालक दीपू व अन्य तीन लोगों ने उनके बेटे की साजिश के साथ हत्या की है और अब इसे दुर्घटना का रूप दे रहे हैं। तहरीर पर आज सोमवार को एफआईआर दर्ज हो चुकी है।