Banda News: सरकार के आदेशों को पलीता लगा रहे अधिकारी, वनकर्मियों की मिलीभगत से काटे जा रहे हरे पेड़
Banda News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से हरे पेड़ों को काटा जा रहा हरा है, जबकि जिले में इस वर्ष 44,53,250 लाख पौधरोपण किये जाने का लक्ष्य हैं।
Banda News: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने लोगों को ऑक्सीजन की कमी से पौधों की अहमियत समझा दी, लेकिन अधिकारी अब भी इससे अंजान बने हुए हैं। एक तरफ सरकार वृक्ष लगाने को लेकर हर जनपद को लक्ष्य दे रही है। वहीं वन विभाग के अधिकारी वृक्ष कटवाने का लक्ष्य तय कर रहें है। ताजा मामला यूपी के जनपद बांदा से सामने आया है। जिले में इस सप्ताह वृक्षारोपण अभियान मनाने की तैयारी है। इसके दूसरी तरफ जिले में अवैध तरीके से अधिकारियों की मिलीभगत से पेड़ों का कटान जारी है। जिम्मेदार इस संबंध में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं। शिकायतकर्ताओं की समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है।
सरकारी नंबर, सीयूजी नंबर अधिकारी ज्यादातर अपने ड्राइवरों या प्रतिनिधियों को दिए रहते हैं। शिकायकर्ता जब भी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं तो उनके असिस्टेंट कह देते हैं कि साहब मीटिंग में हैं। जिससे जिले में वृक्षों का कटान एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
पेड़ काटने वाला निकला वन विभाग का ठेकेदार
बांदा जिले में मशीनों द्वारा पड़ों को काटने का कार्य किया जा रहा है। पेड़ काटने वाले एक युवक से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वह वन विभाग का ठेकेदार है। उसने कहा कि 'एक दिन में हम सैकड़ों पेड़ काट लेते हैं।' इससे यह स्पष्ट होता है कि पर्यावरण की रखवाली करने वाले वन विभाग को भी इन पेड़ों की परवाह नहीं रही।
जमीनी विवाद में काटा पेड़
बांदा शहर से लगे निम्नीपार नाला पहाड़ी बाबा, गन्छा मार्ग पर भू-माफिया ने पुशतैनी जमीनी विवाद को लेकर हरे-भरे पेड़ों की कुर्बानी दे दी। यह मामला लगभग तीन दिन पहले का है। पूरा मसला जब शहर कोतवाली पहुंचा, तो भू-माफिया लेखपाल की जांच और वनविभाग के पाले में गेंद डालकर पर्यावरण प्रेमी होने का संदेश देने लगा।
जमीन की खतौनी में चढ़ा दिया दबंगों के नाम
पीड़ित पक्ष आवास विकास ए ब्लॉक स्थित अधिवक्ता कैलाश चौबे के परिवार से ताल्लुक रखता हैं। इस पहाड़ी बाबा की विवादित जमीन पर पीढ़ियों से चौबे परिवार की खसरे में वरासत हैं, लेकिन बांदा कचहरी के गंगाजल सरीखे लेखपाल ने कारस्तानी करके जमीन की खतौनी में दबंगों का नाम चढ़ा दिया। मामला उच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन बताया जा रहा है। बांदा डीएम के आदेश भी चौबे परिवार के ही पक्ष में है। बावजूद इसके दबंगों ने आनन फानन में ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों की बलि चढ़ा दी।
44,53,250 लाख पौधरोपण का लक्ष्य
गौरतलब है कि बांदा वन विभाग इसी माह वार्षिक पौधरोपण अभियान चलाएगा। इस वर्ष जनपद में 44,53,250 लाख पौधरोपण किये जाने का लक्ष्य हैं। वन विभाग का ये भी दावा हैं कि वह जंगलों का खैरख्वाह हैं। चित्रकूट में 55,18515 लाख, तो महोबा में 54 लाख और हमीरपुर 53 लाख से कुछ अधिक पौधरोपण का लक्ष्य हैं। सरकारी आंकड़ों में हमीरपुर और महोबा में फोटोशूट पौधरोपण शुरू हो चुका है। इन पौधों के साथ फोटो मुताबिक एक पौधे के साथ आधा दर्जन आदमी की उपस्थिति अनिवार्य शर्त सी लगती हैं।
पौधरोपण के नाम पर घोटाला
उधर, चित्रकूट में शासन की गाइडलाइंस के उलट कांट्रेक्टर को भुगतान का मुद्दा सोशल मीडिया में वायरल है। डीएफओ कैलाश प्रकाश बिना पौधरोपण 13 लाख 55 हजार से अधिक पौधों की ऑनलाइन फीडिंग अन्य विभागों को पौधा उठाने को लेकर बीते दिन दर्शा चुके हैं। वहीं, बुंदेलखंड में गत 10 साल के भारीभरकम पौधरोपण गबन की गुहार हाईकोर्ट में है।
परिजनाओं के नाम पर काटे जा रहे लाखों पेड़
ऐसा कहा गया है कि एक व्यक्ति जीवन में जितनी ऑक्सीजन लेता हैं, उसके लिए औसतन 18 पेड़ आवश्यक हैं। अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से 18 पेड़ों का पौधरोपण आता हैं। इसके विपरीत विकास की योजनाओं ने एक्सप्रेस-वे और उत्खनन परियोजना में बुंदेलखंड से लाखों पेड़ छीन लिए। जिले में भू-माफिया सरकारी व विवादित जमीनों पर अवैध कब्जों को पुख्ता करने की साजिश में जंगल, पुराने पेड़ों को काट रहे हैं। पीड़ित पक्ष ने न्याय की गुहार लगाते हुए वनविभाग व जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की हैं।