Banda News: सरकारी नौकरी छोड़ अपनाया जैविक खेती, आज कमा रहा लाखों
Banda News: 25 बीघा जमीन में खीरा, ककड़ी, कद्दू, हरी सब्जियां उगा रहे हैं। गर्मी के मौसम में वो लौकी, करेला, भिंडी, खीरा, आदि की पैदावार करते हैं।
Banda News: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के बांदा (Banda) में सरकारी नौकरी छोड़कर (एआरटीओ विभाग में लिपिक ) अब करने लगा किसानी। एक बीघा खेत में 20 हजार का खर्च आता है जबकि उससे आमदनी 4 लाख होती है। जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील किसान जाहिद अली से आज Newstrack ने बात की। उन्होंने बताया कि वो एआरटीओ विभाग में लिपिक की नौकरी करते थे। लेकिन उन्हें खेती ही रास आई।
जाहिद ने बताया कि वह अपने लगभग 25 बीघा जमीन में खीरा, ककड़ी, कद्दू, हरी सब्जियां उगा रहे हैं। गर्मी के मौसम में वो लौकी, करेला, भिंडी, तरोई, खीरा, ककड़ी, बैंगन और टमाटर आदि की पैदावार करते हैं। इसके बाद यह मक्का और काला नमक धान का उत्पादन करते है फिर रवि में जैविक गेहूं करते है।
जाहिद अली अपने कृषि फार्म में गोबर से केंचुआ की कंपोस्ट खाद तैयार करते हैं। गोमूत्र से कीटनाशक आदि तैयार करते हैं। खेती में रासायनिक खाद के बजाय इसी जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं।
किसान जाहिद मियां बताते हैं वर्ष 1999 में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर खेती की ओर बढ़े। उस समय अपने खेत नहीं थे तो दूसरों के खेतों में कार्य करते थे। बटाई पर खेत भी लेते थे। मेहनत व लगन से जैविक फसलों की बदौलत उन्होंने 10 साल में 25 बीघा खेत खरीदे। इस समय उनके खेतों में लौकी, करेला, भिंडी, तरोई, खीरा, ककड़ी, बैगन और टमाटर की फसलें लहलहा रही है।
जैविक सब्जियां पूरे चित्रकूट धाम मंडल में मशहूर
वो बताते हैं उनकी जैविक सब्जियां पूरे चित्रकूट धाम मंडल में मशहूर है। मंडी में कारोबारी उनकी सब्जियों का इंतजार करते हैं| पहुंचते ही सब्जियां हाथों-हाथ अच्छे दाम में बिक जाती है। जाहिद बताते हैं कि खेती में एक बीघा में ₹20000 का खर्च आता है| लागत के अनुसार करीब ₹400000 की आमदनी होती है वह किसान को बुलाकर प्रतिपादन और उसमें होने वाली आय को लेकर प्रशिक्षण भी देते हैं।