Banda News: अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर
Banda News: अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह के रोक थाम के लिए प्रशासन सतर्क है। इस कुप्रथा को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया जा रहा है।
Banda News: अक्षय तृतीय पर समाज में बड़े पैमाने पर होने वाले बाल विवाह आयोजनों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के महिला कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला स्तर पर जरूरी निर्देश जारी किए हैं। 18 से कम उम्र की लड़की और 21 से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह बताते हुए इसे न केवल कुरीति और कानूनी अपराध करार दिया है, बल्कि रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों की वकालत की गई है।
अधिकारियों को निगरानी का जिम्मा
बाल विवाह प्रतिबंधित होने के बावजूद अक्षय तृतीया पर समाज में बाल विवाहों के आयोजन आज भी जारी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी मीनू सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी जिला, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों को पत्र भेजकर 10 मई को अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायतों और स्वास्थ्य केंद्रों में कड़ी निगरानी का आग्रह किया है।
पुरोहित और मौलवी जांचें वर-वधू की उम्र
मीनू सिंह ने कहा है, बाल विवाह के शारीरिक एवं मानसिक रूप से गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं। बाल विवाह आयोजनों में सहभाग और सहयोग करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस, टेंट व्यवसाय, मैरिज हाल, बैंड बाजा, कैटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित और मौलवी आदि सेवा प्रदाताओं विवाह तिथि को लड़की और लड़के की निर्धारित आयु की पुष्टि करने की अपेक्षा व्यक्त की है।
चाइल्ड हेल्प लाइन पर दें सूचना
बाल विवाह की सूचना जिला प्रशासन या चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 और डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के मोबाइल नंबर 7398404254 आदि में देने की अपील कर सूचनाकर्ता की पहचान गुप्त रखने का भरोसा दिया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी मीनू मानती हैं, ऐसे ही प्रयासों से बाल विवाह कुरीति को समाप्त किया जा सकता है।