दारुल उलूम क्षेत्र में बांग्लादेशी छात्रों के विरुद्ध चस्पा किए पोस्टर

Update:2018-02-11 20:45 IST

सहारनपुर : शरारती तत्वों द्वारा विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम क्षेत्र में चस्पा किए गए पोस्टरों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इन पोस्टरों में बांग्लादेशी छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन दिनों दारुल उलूम के मोहतमिम भी अपने दस दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश गए हुए हैं। इस प्रकार के पोस्टर सामने आने से खुफिया विभाग सतर्क हो गया है।

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विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम क्षेत्र में स्थित कई मस्जिदों के बाहर शनिवार की रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पोस्टर चस्पा कर दिए गए। इन पोस्टरों पर प्रेस लाइन और किसी व्यक्ति या संस्था का नाम भी नहीं छपा है। चस्पा पोस्टरों में कहा गया है कि तमाम बांग्लादेश के लड़कों को यह इत्तला दी जाती है कि वे एक महीने के अंदर देवबंद छोड़कर भाग जाए या अपनी बेहूदा हरकतों से बाज आ जाएं। वरना ऐसा हाल करूंगा कि आखिरी सांस तक याद रहेगा। बांग्लादेश से चोरी छिपे यहां आने का मतलब हम तुमको जरूर बताएंगे।

पोस्टर में बांग्लादेशियों के लिए अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया है। उक्त पोस्टरों को जब रविवार की सुबह लोगों ने देखा तो इन पोस्टरों को लोगों द्वारा फाड़ कर फेंक दिया गया। हालांकि दारुल उलूम हल्कों में ये पोस्टर दिनभर चर्चा का विषय बने रहे। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात मरकज के प्रमुख मौलाना साद को देवबंदी विचारधारा के लोगों द्वारा बांग्लादेश से निकाले जाने के बाद दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम के बांग्लोदश दौरे पर चले जाने के चलते अंदेशा जताया जा रहा है कि तबलीगी जमात से जुड़े लोगों द्वारा भी उक्त पोस्टरों को चस्पा किया जा सकता है। इसके विपरीत उर्दू में चस्पा इन पोस्टरों में इस्तेमाल की गई उर्दू भाषा में अलफाज की काफी गलती की गई है। इसलिए यह भी माना जा रहा है कि उर्दू भाषा का कम ज्ञान रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा शरारत में भी यह पोस्टर लगाए जा सकते हैं। इस प्रकार के पोस्टर सामने आने से खुफिया विभाग भी अलर्ट हो गया है।

ज्ञात रहे कि देवबंद में दारुल उलूम के अलावा कई अन्य इस्लामी शिक्षण संस्थाओं में बांग्लादेशी छात्र अध्ययनरत हैंं। चस्पा पोस्टरों में इन्हीं छात्रों को निशाना बनाया गया है।

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