बाराबंकी पुलिस पर लगा अपहरण का आरोप, पीड़ित बोला-1 लाख रुपए लेकर छोड़ा

Update:2016-09-09 14:29 IST

बाराबंकी: प्रदेश के मुख्यमंत्री हों या पुलिस के आला अधिकारी सुरक्षा के नाम पर चाहे जितनी नसीहतें दें, मगर बाराबंकी में पुलिस का क्रूरतम चेहरा सामने आया है। यहां एक ढाबा मालिक ने पुलिस और उससे जुड़े गुंडों और अपहरणकर्ताओं पर हथियार के दम पर जबरन उठाने और फिरौती के बाद छोड़ने का आरोप लगाया है।

आरोप है कि पुलिस ने ढाबा मालिक को थाने पर रात भर रखकर प्रताड़ित किया और फर्जी मुकदमे में फंसाने से बचने के एवज में एक लाख रुपए की भारी-भरकम राशि ली। रुपए लेने के बाद ही पुलिस ने ढाबा मलिक को छोड़ा। पुलिस के इस घिनौने चेहरे के सामने आने के बाद बाराबंकी पुलिस के आला अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

पीड़ित ढाबा मालिक ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है।

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क्या है मामला?

-मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ तहसील के लखनऊ-सुल्तानपुर हाइवे का है।

-यहां हैदरगढ़ के खरसतिया गांव निवासी रामकृष्ण त्रिवेदी का 'पंछी ढाबा' है।

-इसे उनका बेटा रामशंकर त्रिवेदी चलाता है।

-घटना वाले दिन यानी 4 सितंबर को रामशंकर के ढाबे पर 6-7 युवक खाना खाने आए।

-खाने के बाद वे लोग पैसे देने को लेकर ढाबे के नौकर से झगड़ने लगे।

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बिना नंबर की गाड़ी में उठा ले गए

-रामशंकर ने बात बढ़ती देख बीच-बचाव की कोशिश की।

-लेकिन उसमें से एक युवक ने रामशंकर का हाथ पकड़ लिया और गाली-गलौज करने लगा।

-इतने में एक बिना नंबर की बोलेरो गाड़ी आई और उसमें सवार तीन अन्य युवकों ने रामशंकर को जबरन बैठाकर ले गए।

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बंद कमरे में रखा ढाबा मालिक को

-रामशंकर की मानें तो वे इसे पहले जगदीशपुर फिर फैज़ाबाद ले गए।

-उन्होंने रामशंकर से उनका मोबाइल भी ले लिया।

-रामशंकर को एक कमरे में बंद कर दिया गया।

-थोड़ी देर बाद उस कमरे में एक वर्दीधारी दरोगा और कुछ सिपाही आए।

-तब रामशंकर की समझ में आया कि यह कमरा किसी थाने का है।

फिरौती के मांगे थे पांच लाख रुपए

-रात को अपहरणकर्ताओं ने रामशंकर के मोबाइल से उसके चाचा से बात करवाई।

-रामशंकर के चाचा बीजेपी नेता रामभीख त्रिवेदी से 5 लाख रुपए लाने की बात कही गई।

-इतना पैसा ना होने की बात एक लाख रुपए में छोड़ने की बात तय हुई।

फिरौती लेने आए की ली फोटो

फिर रामशंकर के चाचा बताए स्थान पर पहुंच गए।

वहां अपहरणकर्ताओं ने उनसे एक लाख रुपए ले लिया और रामशंकर को भेज देने की बात कही।

इस दौरान मौका देख रामशंकर के चाचा ने रुपए लेने आए दोनों बाइक सवारों की फोटो खींच ली।

आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग

-रामशंकर की मानें तो कुछ देर बाद अपहरणकर्ताओं ने उसे फैज़ाबाद के नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के पास छोड़ दिया।

-पूछताछ में पता चला कि जहां उसे लाया गया था वह फैज़ाबाद का खण्डासा थाना है।

-रामशंकर ने घर लौटकर हैदरगढ़ कोतवाली में तहरीर देकर अपहरण में शामिल फैज़ाबाद में तैनात दरोगा सुदामा यादव, सिपाही पीएन.सिंह, तिवारी और अन्य दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।

बाराबंकी पुलिस पर पहले भी लगे आरोप

बाराबंकी पुलिस का एक के बाद एक कई मामलों में दागदार चेहरा सामने आता रहा है। कोठी थाने में पुलिस कर्मियों द्वारा महिला को जिंदा जलाये जाने का मामला हो या देवा थाने में पुलिस पिटाई से हिरासत में हुई मौत का मामला हो। हैदरगढ़ थाना इलाके में पुलिस के सामने युवक यासीन को दबंगों द्वारा जलाकर मारने का केस हो या नगर कोतवाली में एक पत्रकार की पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्ण पिटाई का। ये मामले अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर बाराबंकी पुलिस का नया चेहरा सामने आया है।

आगे की स्लाइड्स में देखें फिरौती लेने वालों की तस्वीर ...

फिरौती लेने वाला

पीड़ित परिजनों के साथ

 

 

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