Barabanki News: लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी गौशालाओं की हालत बत्तर, मरे पड़े मिले जानवर
Barabanki News: गौशालाओं के नाम पर आने वाले पैसे का बंदर बांट जिम्मेदारों के द्वारा किया जा रहा है। गौशाला में बंद जानवरों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है।
Barabanki News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गोवंशीय पशुओं के लिए लाखों रुपए खर्च कर सभी ग्राम पंचायतो में गौशालाओं का निर्माण करवाया है। प्रति महीने लाखों रुपए का चारा और अन्य सामग्री गौशालाओं पर खर्च करने के लिए प्रशासन को मिलता है उसके बावजूद प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते गौशालाओं की हालत बद से बत्तर होती चली जा रही है। ना तो गौशाला में बंद जानवरों को पर्याप्त चारा मिल पा रहा है, ना पानी मिल पा रहा है, ना ही गौशालाओं में बंद जानवरों का समुचित इलाज किया जा रहा है। गौशाला की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती चली जा रही है। मरणासन्न अवस्था में जानवर इधर-उधर गौशाला में पड़े हुए आपको मिल जाएंगे। कई जानवर तो गौशाला में ही मरे पड़े हुए हैं जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है।
सरकारी पैसे का कोई पता
ताजा मामला जनपद बाराबंकी के विकासखंड मसौली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत मसौली का है। जहाँ पर विकासखंड कार्यालय से चंद कदमों पर बनी गौशाला में सैकड़ों की संख्या में गोवंशीय पशु गौशाला में बंद हैं लेकिन उनकी देखरेख करने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं रहता है। ना ही गौशाला में बंद जानवरों को समुचित चारा मिल पा रहा है, ना ही उन्हें समय से पानी मिल पा रहा है। गौशाला में बंद कई जानवर मरणासन्न अवस्था में इधर-उधर बैठे हुए मिले हैं। जबकि सरकार के द्वारा गौशालाओं पर प्रति महीने तकरीबन लाखों रुपए का खर्च किया जा रहा है। यह पैसा ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा कहां पर खर्च किया जा रहा है इसका कोई अता पता नहीं है।
जानवरों की स्तिथि दयनीय
गौशालाओं के नाम पर आने वाले पैसे का बंदर बांट जिम्मेदारों के द्वारा किया जा रहा है। गौशाला में बंद जानवरों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है। सरकार की मनसा पर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा लगातार पानी फेर जा रहा है। गौशाला में बंद जानवरों की देखरेख के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर के जिले के उच्च अधिकारियों से बात की गई है तो उन्होंने बताया है कि मामले की जांच कर कर संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि आखिर गौशाला की बदहाल अवस्था के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर क्या कुछ कार्रवाई होती है।