Barabanki News: बाराबंकी में जीवा ने खड़ी की थी नौजवान अपराधियों की फौज, जानिए जेल से कैसे करता था ऑपरेट

Barabanki News: जीवा बाराबंकी जेल में रहने के दौरान स्थानीय युवाओं की एक फौज बना रखी थी। जिनसे रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जे का धंधा करवाता था। जेल से इलाज के बहाने लखनऊ जाकर रियल स्टेट की बड़ी डील करता था।

Update: 2023-06-08 10:32 GMT
जिला कारागार बाराबंकी (Pic: Newstrack)

Barabanki News: राजधानी लखनऊ में कोर्ट के अंदर मारे गये गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का बाराबंकी से भी नाता रहा है। जीवा बाराबंकी जेल में भी मई 2013 से मई 2015 तक निरुद्ध रहा है। यहां रहने के दौरान जीवा ने नौजवान अपराधियों की फौज खड़ी की और उसे अंदर से ही ऑपरेट करता था। बाराबंकी जेल के अंदर से ही जीवा रंगदारी वसूली, हत्या करवाना, रियल स्टेट करोबार में बड़ी डील जैसे काम किया करता था। इतना ही नहीं जीवा को सत्ता का संरक्षण मिलने के चलते जिले के सपा नेताओं ने अपनी ही सरकार का विरोध भी किया था।

सपा नेता के मर्डर में आया था नाम

जानकारी के मुताबिक जीवा ने बाराबंकी जेल में रहने के दौरान स्थानीय युवाओं की एक फौज बना रखी थी। जिनसे रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जे का धंधा करवाता था। जेल से इलाज के बहाने लखनऊ जाकर रियल स्टेट की बड़ी डील करता था। यहां के बंकी निवासी मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के जिला महासचिव अरविंद यादव की बंकी बाजार में 15 जनवरी 2014 को दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जिले के सपा नेताओं ने इसका आरोप ‘जीवा’ पर लगाया था। अरविंद के पिता ने भी उसकी हत्या की आशंका जताते हुए तत्कालानी एसपी रहे आनंद कुलकर्णी को लिखित में जानकारी दी थी। लेकिन कार्रवाई होने से पहले ही अरविंद की हत्या कर दी गई। जीवा को तत्कालीन सपा की सरकार में सत्ता का संरक्षण मिला था। जिसके चलते जिले के सपा नेताओं के अपनी ही सरकार का विरोध भी किया था।

किसानों की जमीनों को सस्ती कीमतों में खरीदने का काम

बाराबंकी जेल में बंद रहने के दौरान ही जीवा ने हाईवे के आसपास की गरीब किसानों की जमीनों को भी जबरन सस्ती कीमतों में खरीदने का काम जमकर किया। चार अप्रैल 2015 को बाराबंकी के किसान पट्टू यादव की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में नगर के अभयनगर निवासी शूटर को दबोचा गया। जिसने पुलिस से बताया था कि संजीव महेश्वरी जीवा के कहने के बाद भी जमीन बेचने से इंकार करने पर ही उसने पट्टू की हत्या की। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज की जेल में रहने के दौरान ही जीवा ने बाराबंकी में अपने स्लीपर माड्यूल के रूप में अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ टेनी और सुनील अवस्थी जैसे लोगों की फौज तैयार की थी। इसके बाद जीवा ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर पूर्वांचल के जिलों के ईंट भट्टों के लिये आने वाले कोयला की खेप पर वसूली के लिए साल 2009 और 2011 में व्यापारियों को धमकी दी थी। इस पर दो रंगदारी वसूली के केस बाराबंकी की नगर की कोतवाली में दर्ज हुए थे। नगर कोतवाली में साल 2011 में जीवा के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था।

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