Basti News: कानून के चंगुल में नेता जी! 20 साल पुराने मामले में मिली सजा, फिर जमानत

Basti News: 20 साल पुराने एक मामले में बस्ती जनपद के दो पूर्व विधायक सहित दो ब्लॉक प्रमुख को एमपी एमएलए कोर्ट से सजा सुनाई गई। कुछ ही देर में उन सभी को जमानत भी मिल गई।

Update:2023-05-21 22:40 IST
20 साल पुराने एक मामले में दो पूर्व विधायक सहित दो ब्लॉक प्रमुख को मिली सजा: Photo- Newstrack

Basti News: 20 साल पुराने एक मामले में बस्ती जनपद के दो पूर्व विधायक सहित दो ब्लॉक प्रमुख को एमपी एमएलए कोर्ट से सजा सुनाई गई। कुछ ही देर में उन सभी को जमानत भी मिल गई। बस्ती की सीजेएम कोर्ट ने बीस साल बाद इस केस का फैसला सुनाया। इस दौरान सभी नेता कोर्ट में ही मौजूद रहे और फैसला आते ही सहम गए, मगर जमानत मिलने के बाद इन सभी ने राहत की सांस ली।

चुनाव में काउंटिंग के दौरान एडीएम से मारपीट का था मामला

दरअसल, ये पूरा मामला बस्ती कोतवाली थाना क्षेत्र की सदर तहसील का है। तीन दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव के दौरान मतगणना में मारपीट हुई थी। ये मारपीट बस्ती के तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे के साथ की गई थी। मतगणना के वक्त एडीएम श्रीश दुबे एआरओ तैनात थे और उनके साथ बस्ती के तत्कालीन एडीएम जगन्नाथ प्रसाद व एडीएम राजू शुक्ला भी एआरओ तैनात थीं। तभी पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व विधायक रहे आदित्य विक्रम सिंह, उनकी पत्नी कंचना सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्रयंबक नाथ पाठक सहित पूर्व विधायक कमाल युशुफ के बेटे इरफान व अशोक सिंह गोलबंदी करके आए और आपस में मारपीट करने लगे। एआरओ रहे श्रीश दुबे से इन लोगां ने दोबारा मतगणना कराने की मांग करके उनसे भी हाथापाई की। तत्कालीन डीएसपी रहे ओम प्रकाश सिंह को इस मारपीट में काफी चोट भी आई थी।

इस मामले में तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे की तहरीर पर बस्ती कोतवाली में धारा 323, 353, 332, 382, 504, 506,136 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इस मामले में कुल आठ नामजद आरोपी बनाए गए थे, जिसमें एक आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे बृजभूषण सिंह की इस दौरान मौत हो चुकी थी।

आज अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमति अर्पिता यादव ने दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया। सात आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई गई, इसके बाद उन्हें जमानत भी दे दी गई। जज की तरफ से सभी पर दो-दो हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। बीस साल बाद इस फैसले से आरोपियों में हड़कंप मच गया, अब वह ऊपरी अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

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