SIT को सौंपी गई AMU में भाजपाइयों को पीटने की जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में भाजपा विधायक ठा. दलवीर सिंह की ओर से लगातार शासन में बात रखी जा रही थी। पुलिस स्तर से ठोस जांच कार्रवाई न किए जाने की बात पिछले दिनों प्रमुख सचिव गृह को बताई गई।
लखनऊ: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अमुवि) में 12 फरवरी को सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दौरे के विरोध को लेकर हुए बवाल के दौरान भाजपाइयों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने से लेकर पूरे घटनाक्रम की जांच का जिम्मा (विवेचना) अब एसआईटी को सौंप दिया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव गृह के स्तर से डीआईजी को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख सचिव गृह ने दो दिन पहले मामले में एसआईटी गठन के आदेश दिए हैं। यह एसआईटी एक सीओ के पर्यवेक्षण में जांच करेगी। जांच टीम में एक इंस्पेक्टर, चार सब इंस्पेक्टर और जरूरत भर के लिए सिपाही शामिल किए जाएंगे। मामले की जांच एसआईटी कमेटी को सौंपी जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ओवैसी के विरोध के दिन एक हिन्दू छात्र के साथ मारपीट की शिकायत करने पहुंचे भाजपा के बरौली विधायक के पौत्र व एएमयू छात्र ठा. अजय सिंह रजिस्ट्रार कार्यालय पर धरने पर बैठ गए थे। उनके विरोध में एएमयू के दूसरे छात्रों का गुट आ गया था।
इस दौरान हुई खींचतान, हुज्जत की खबर पर जब भाजपा जिला प्रवक्ता डॉ. निशित व भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी आदि पहुंचे तो एएमयू छात्र हमलावर हो गए और अजय सिंह, निशित व मुकेश और उनके साथियों को दौड़ाकर पीटा गया था। इस दौरान फायरिंग तक हुई थी। इस मामले में अब तक चार मुकदमे सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराए गए हैं, जिनमें एक मुकदमा भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश की ओर से, दूसरा अजय व निशित पर हमले का मुकदमा निशित की ओर से, तीसरा मुकदमा एएमयू सुरक्षाकर्मी की ओर से और चौथा मुकदमा दिल्ली से आई चैनल की कर्मचारी की ओर से दर्ज कराया गया था।
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इसके अलावा दोनों पक्षों से कई तहरीरें थाने पहुंची थीं जिनमें छात्रसंघ सचिव हुजैफा आमिर रशादी सहित कई अन्य तहरीरें शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में भाजपा विधायक ठा. दलवीर सिंह की ओर से लगातार शासन में बात रखी जा रही थी।
पुलिस स्तर से ठोस जांच कार्रवाई न किए जाने की बात पिछले दिनों प्रमुख सचिव गृह को बताई गई।