धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा, कतर से हो रही थी फंडिंग, केंद्र का एक अधिकारी भी शामिल

यूपी धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि इसके लिए फंडिंग कतर से हो रही थी। इसमें इन लोगों का साथ केंद्र में तैनात एक अधिकारी भी दे रहा था।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2021-06-22 10:25 GMT

ATS की गिरफ्तर में दोनों आरोपी, सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश में बड़े धर्मांतरण (Religious Conversion Case) गिरोह का खुलासा होने के बाद पूरे मामले की जांच में जुटी एजेंसियों को बड़ा सुराग हाथ लगा है। जानकारी के मुताबिक एजेंसियों को पता चला है कि इस गिरोह की मदद केंद्र सरकार के बाल और महिला कल्याण विभाग का एक अधिकारी करता था। सोमवार को यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) ने बताया था कि इस गिरोह को विदेशों से फंड मिलता था जिसके सबूत भी मिले हैं। यूपी एटीएस (UP ATS) इस मामले से जुड़े दूसरे संगठनों की भी जांच कर रही है।

कतर से हो रही थी फंडिंग

वहीं जांच में जुटी एजेंसी को पता चला है कि धर्मांतरण के लिए कतर से पैसे आ रहे थे। जांच एजेंसियों को दो संगठनों के भी साथ होने का पता चला है।

बता दें यूपी एटीएस ने दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसका खुलासा कर एडीडी एलओ ने बताया था कि इनका गिरोह यूपी और दिल्ली में सक्रिय है। ये लोग मूक बाधिर और गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। गिरफ्तार दोनों आरोपी से पूछताछ में नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार के बाल और महिला कल्याण विभाग के अधिकारी का भी नाम सामने आया है। जांच एजेंसियो को पता चला है कि यह अधिकारी मंत्रालय में आने वाले गरीब जरूरतमंद लोगों की लिस्ट बनाकर आरोपियों को देता था कि इनमें कौन से लोग आसानी से उनके जाल में फंस सकते है। जांच एजेंसी जल्द ही उस अधिकारी से भी पूछताछ कर सकती है।

धर्मान्तरण कराने वालों पर लगेगा NSA

धर्मान्तरण (Religious Conversion Case) के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ गैंगेस्टर (Gangster Act) की कार्रवाई करते हुए एनएसए (NSA/National Security Act) की लगाया जाए। साथ ही आरोपितों की सम्पत्तियों को भी जब्त किया जाए। उल्लेखनीय है कि यूपी एटीएस (UP ATS) ने सोमवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गरीब परिवारों के मूक बधिर बच्चों को धन का लालच देकर उनका धर्मान्तरण कराने का काम कर रहा था।

पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनके पास अरब देशों से इसके लिए धन आता है। वह इससे पहले भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण का काम करवा चुके है। यही नहीं हिन्दू कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं। गिरोह के एक सदस्य ने बताया कि अभी तक एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित करवाकर बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। इन लोगों ने नोएडा के 117 बच्चों का धर्मांतरण कराया था।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली व मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली के रूप में हुई है। ख़ास बात यह कि पकड़ा गया उमर गौतम भी पहले हिन्दू था बाद में उसने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया। इसके बाद वह स्वंय इस काम में लगकर धर्मांतरण का अभियान चला रहा था।

कानपुर में काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले का मूक-बधिर युवक को भी दिल्ली में धर्मांतरण कराया गया जिसके बाद वह आदित्य से अब्दुल्ला बन चुका था। घर में चोरी छिपे पांचों वक्त की नमाज भी अदा करने लगा था। धर्मांतरण कराने वाले मौलानाओं की गिरफ्तारी के एक दिन पहले आदित्य उर्फ अब्दुल्ला घर लौटा है। जांच एजेंसिया उससे पूछताछ कर रही हैं।

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