UP Election 2022: बीजेपी का प्लान, पीएम का एलान, अब 'चाणक्य' लगाएंगे पश्चिम में नैया पार
UP Election 2022: आपको याद होगा कि 9 नवम्बर को पूर्व आईएएस और बीजेपी एमएलसी पीएम मोदी के सबसे खास सिपाही अरविंद कुमार शर्मा उर्फ एके शर्मा ने पीएम मोदी से मुलाक़ात कर उन्हें 40 से ज्यादा जिलों की एक रिपोर्ट सौंपी थी।
UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pradhan mantri narendra modi) के कई ऐसे फैसले होते हैं जो उनके बोलने के बाद ही चाहे वह मीडिया के दिग्गज हों या राजनीति के सूरमा उन्हें मालूम पड़ता है। ऐसा ही एक बार फिर उन्होंने तीनों कृषि कानून (teen krishi kanoon) को वापस लेने के फैसले पर भी साबित कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री (pm modi) इस फैसले को वापस लेने का फैसला एकाएक नहीं बल्कि पूरे मंथन के बाद बनी है अब इसको समझने के लिए 18 नवंबर को राजधानी दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) के घर हुई बैठक और उससे पहले पीएम मोदी के आंतरिक सर्वे की जो रिपोर्ट उन्हें सौंपी गई थी उसके बारे में बताते हैं। दरअसल पश्चिमी यूपी हरियाणा और पंजाब पर किए गए सर्वे के बाद आई जो रिपोर्ट आई वह बीजेपी के अंदरखाने हड़कंप मचा दी। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी (prime minister narendra modi) ने यह फैसला किया कि यूपी समेत इन राज्यों में चुनाव जीतना है और किसानों की नाराजगी दूर करनी है तो उन्हें कृषि कानून वापस लेना ही होगा जिसके बाद उन्होंने 19 नवंबर की सुबह सुबह इसका ऐलान कर किसानों को खुश करने का एक दांव चला है और अब बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह इस पर पश्चिमी यूपी में गुल खिलाएंगे?
यूपी को तीन जोन में बांटा गया
गौरतलब है कि 18 नवंबर को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर एक हाई लेवल बैठक हुई। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, राधा मोहन सिंह यूपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, यूपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल समेत तमाम बड़े नेता शामिल (Mission UP Election 2022) हुए। इसमें यूपी चुनाव को लेकर एक बड़ी रणनीति तैयार की गई। जिसके बाद यूपी को तीन क्षेत्रों में बांटा गया। जिसमें बीजेपी अध्यक्ष को कानपुर और गोरखपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) को काशी और अवध का प्रभारी बनाया गया। लेकिन सबसे अहम गृह मंत्री अमित शाह (home minister amit shah) का क्षेत्र है। उन्हें ब्रज के साथ पश्चिमी यूपी (up vidhan sabha chunav 2022) की कमान सौंपी गई है। अमित शाह एक करिश्माई नेता माने जाते हैं और अपने आक्रामक रुख को लेकर वह माहौल में बदलाव के माहिर भी हैं। बीजेपी की हाईलेवल बैठक में यह तय किया गया कि पश्चिमी यूपी में जो किसान, जाट, गुर्जर नाराज हैं उन्हें बीजेपी के पाले में करने के लिए सिर्फ अमित शाह उपयुक्त हो सकते हैं। अमित शाह पश्चिमी यूपी के प्रभारी बनने के बाद अब वहां अपनी रणनीति के तहत जो नाराजगी है उसे दूर करने का प्रयास करेंगे। क्योंकि इससे पहले वह 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में यूपी में कमाल करके दिखा चुके हैं। इसी रणनीति के तहत उन्हें पश्चिम भेजा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कृषि कानून वापस लेकर किसानों के जख्म पर दवा लगाने का काम कर दिया है। बाकि घाव कैसे भरना है वह अमित शाह को भलिभांति पता है।
पीएम के सबसे भरोसेमंद सिपाही ने सौंपी थी रिपोर्ट
आपको याद होगा कि 9 नवम्बर को पूर्व आईएएस और बीजेपी एमएलसी पीएम मोदी के सबसे खास सिपाही अरविंद कुमार शर्मा उर्फ एके शर्मा ने पीएम मोदी से मुलाक़ात कर उन्हें 40 से ज्यादा जिलों की एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक के जिलों के उनके दौरे की विस्तृत जानकारी थी। माना जा रहा है कि एके शर्मा के लगातार यूपी दौरे में यह सर्वे कराया गया कि किसानों और लोगों में सरकार के प्रति क्या राय है, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पीएम को सौंपी है। हालांकि इस रिपोर्ट में क्या है इसका किसी को कुछ नहीं मालूम। लेकिन एके शर्मा ने जब पीएम मोदी से मुलाकात की थी तो बकायदा ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। हालांकि अभी वह पूरे प्रदेश का दौरा करने में लगे हुए हैं। उनकी एक और रिपोर्ट आएगी जो वह खुद प्रधानमंत्री को सौंपेंगे।
पीएम मोदी ने यूपी में डाला डेरा
अब जरा पीएम मोदी के अक्टूबर और नवंबर महीने में यूपी दौरे पर गौर करिये। प्रधानमंत्री तीन दिन लखनऊ में हैं। इससे पहले वह अब तक आधा दर्जन दौरा यूपी का कर चुके हैं। पीएम पूरब से लेकर पश्चिम तक पूरा मथ रहे हैं और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हुए हैं। 16 नवंबर को उन्होंने जहां सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर पूर्वांचल और अवध के लोगों को बड़ी सौगात दी। वहीं कल 19 नवंबर को बुंदेलखंड दौरे पर पहुंचे और महोबा में करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद झांसी पहुंचे और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराया। इससे पहले पीएम मोदी पूर्वांचल के दौरे पर पहुंचे थे और कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन कर नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया था। तो आप पीएम मोदी के पिछले दिनों के दौरे को देखें तो यह अंदाजा लगा लेंगे कि वह यूपी में किस तरह से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हैं।
बीजेपी की राह में कृषि कानून थी सबसे बड़ी बाधा
बीजेपी की राह में तीनों कृषि कानून (agricultural laws) बड़ी बाधा के रूप में थे। जिसे प्रधानमंत्री ने कल समाप्त कर दिया है। अब बाकी काम उन्हें और उनकी सेना को करना है। उन्हें पता है कि कैसे यूपी का चुनाव जीतना है। विपक्ष जहां कृषि कानून को मुद्दा बना रहा था और किसानों के प्रति संवेदना जाता कर उनके वोट हासिल करने की कोशिश में था वहीं पीएम मोदी की यह चाल विपक्ष को कहीं न कहीं नुकसानदेह साबित होगी। बीजेपी अब किसानों और पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगाएंगी। जिसके लिए उन्होंने अमित शाह को कमान सौंप दी है।
8 दिसंबर से रथ यात्रा की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी ने रथयात्रा (bharatiya janata party ratha yatra) का भी प्लान तैयार कर लिया है। आगामी 8 दिसंबर से वह पश्चिम उत्तर प्रदेश से रथ यात्रा (up mein ratha yatra) शुरू करने जा रही है। हालांकि यह रथ यात्रा पूरे प्रदेश से निकलेगी लेकिन इसके शुभारम्भ के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला चुना है। जिसके जरिए वह अपनी हवा बदलने की कोशिश करेगी। सभी रथ यात्रा का समापन 25 दिसंबर को लखनऊ में होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।
पश्चिमी और ब्रज क्षेत्र में कितनी सीटें?
पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र में विधानसभा सीटों (Western UP and Braj Assembly seats) की बात करें तो यहां 140 से ज्यादा सीटें हैं। पश्चिमी यूपी में 71 विधानसभा की और 14 लोकसभा की सीटें हैं। जिसमें 130 से ज्यादा सीट जाट और गुर्जर के प्रभाव वाली हैं। इस लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है और बीजेपी 2017 के चुनाव में यहां आधी से ज्यादा सीटें जीत कर आई थी।
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