UP News : पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
Agra Latest News : यूपी कैबिनेट के पूर्व मंत्री और हाथरस में भारतीय जनता पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले ब्राह्मण नेता रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) का देर रात आगरा में निधन हो गया।
Agra News : बहुजन पार्टी की हर सरकार में ब्राह्मण मंत्री के तौर पर अपनी भूमिका निभाने वाले और बाद में बसपा छोड़ भाजपा (BJP) में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) का देर रात्रि आगरा (Agra) के रेनबो अस्पताल में निधन हो गया। 64 वर्षीय रामवीर उपाध्याय अपने पीछे एक बेटा दो बेटियां और पत्नी सीमा उपाध्याय को छोड़ गए हैं, जो जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
रामवीर उपाध्याय काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थें। वह कैंसर से ग्रस्त थें। रामवीर उपाध्याय बसपा संस्थापक कांशीराम के भी काफी करीबी थे। उनका पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अच्छा राजनेतिक प्रभाव था। इसके बाद वह पार्टी सुप्रीमो मायावती के करीबी हो गए। बसपा की हर सरकार में उन्हे मंत्री पद से नवाजा गया।
राजनीतिक सफर
1996 में पहली बार वह हाथरस सदर से विधायक बने वह बसपा सरकार में परिवहन और चिकित्सा शिक्षा, ग्रामीण समग्र विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने कई वर्ष ऊर्जा मंत्रालय भी संभाला। वह लगातार 2002 और 2007 में हाथरस सदर, 2012 में सिकंदराराऊ और 2017 से वह सादाबाद से विधायक बने। बसपा ने उन्हें लोक लेखा समिति का सभापति भी बनाया। विधानमंडल दल में मुख्य सचेतक भी रहे। हाथरस में पांच बार लगातार विधायक रहे। 1996 से 2017 तक हाथरस सदर, सिकंदराराऊ व सादाबाद सीट से विधायक रहे।
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा में हुए शामिल
हाथरस में भारतीय जनता पार्टी से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले रामवीर उपाध्याय ने करीब तीन दशक पहले टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी। 25 वर्ष बसपा में सफर के बाद पिछले लोकसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हुए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले पत्नी सीमा उपाध्याय और भाई मुकुल उपाध्याय पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके थे। विधानसभा चुनाव से पहले उनके पुत्र चिराग भी आगरा में ही भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें सादाबाद से चुनाव मैदान में उतारा पर वह भाजपा से चुनाव जीत नही सके।