यूपी की बेलगाम नौकरशाही के विरुद्ध अब बीजेपी विधायक बम्बा लाल दिवाकर ने खोला मोर्चा, सुने न्यूज़ट्रैक से बातचीत
मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक राज्य मंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी और अमित शाह को भेजे इस्तीफे के बाद, उन्नाव के सफीपुर से विधायक बंबा लाल दिवाकर का भी एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
Uttar Pradesh Government: उत्तर प्रदेश में बीजेपी विधायक और सरकार के मंत्रियों की नाराजगी एक के बाद एक खुलकर सामने आने लगी है. पहले मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक और राज्य मंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी और अमित शाह को भेजे इस्तीफे के बाद अब उन्नाव के सफीपुर से विधायक बंबा लाल दिवाकर का भी एक पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह पत्र उन्होंने डीएम और सीडीओ के नाम लिखा है. जिसमें बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश चंद्र अनुरागी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यहां बड़ा सवाल यह कि क्या बीजेपी सरकार में अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम हो गई है.
क्योंकि जब वह सत्ता में बैठे मंत्री और उनके विधायकों की नहीं सुन रहे हैं तो विपक्ष और आम जनता के साथ कैसा सलूक करते होंगे. सीएम योगी ने भले ही अफसरों को जनता के कार्य करने और जनप्रतिनिधियों की बात सुनने के लिए कहा हो लेकिन यूपी की अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम दिखाई देती है. यही वजह है की अब सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री मुखर होकर इनके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं.
उन्नाव से बीजेपी विधायक बंबा लाल दिवाकर का पत्र वायरल होने के बाद हमारे फोन पर हमारे संवाददाता जब उनसे इस प्रकरण पर बात की तो उनका कहना था. 'मियागंज विकासखंड में ट्रांसफॉर्म खराब होने से वहां की जनता परेशान थी, जब लोगों उनसे शिकायत की तो उन्होंने अधिशासी अभियंता रजनीश चंद्र अनुरागी को कई बार फोन किया. पहले उनका फोन नहीं उठा. जब फोन उठाया तो काफी अभद्र तरीके से बात की, जैसे एक जनप्रतिनिधि से नहीं अपने किसी स्टाफ से बात कर रहे हों, अधिशासी अभियंता ने उनसे कहा आप छोटे छोटे काम के लिए मुझे बार-बार फोन कर रहे हैं, मैं कोई लाइनमैन में नहीं हूं।
आप विधायक हैं आपके पास बस यही काम बचा है क्या.? विधायक बंबा लाल दिवाकर का कहना है जनता ने उन्हें अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए चुना है अगर वह उनकी समस्या के लिए अधिकारियों को फोन कर उसका निस्तारण नहीं कराएंगे तो कौन सुनेगा. अधिशासी अभियंता की बातों से नाराज बीजेपी विधायक ने इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और उन्नाव के जिला अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी से की है.
सोशल मीडिया पर वायरल विधायक का पत्र
सेवा में - जिलाधिकारी / मुख्य विकास अधिकारी, उन्नाव
महोदय, कृपया आपको सादर अवगत कराना है कि मैं सफीपुर विधान सभा क्षेत्र से जन प्रतिनिधि होने के नाते दिनांक 16-07-2022 को विकास खण्ड मियॉगंज की जनता से प्राप्त हो रही ट्रांसफारमर खराब होने के कारण तथा उस क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति पूर्णतया बन्द हाने के कारण मैंने श्री राजनीश चन्द्र अनुरागी अधिषाशी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड हसनगंज उन्नाव को सांयकाल 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक फोन करता रहा किन्तु इन्होनें मेरा फोन रिसीव नहीं किया। महोदय जब श्री राजनीश चन्द्र अनुरागी द्वारा मेरा फोन रिसीव किया गया तब इन्होंने मुझसे कहा कि आप मुझे बार-बार फोन क्यों करते हो आप केवल क्षेत्र के बिजली समस्याओं के लिए ही विधायक बनाये गये हैं,
छोटे-छोटे काम के लिए आप मुझे फोन करते हो मैं कोई लाइन मैन हूँ जो आपके क्षेत्र की समस्या हल करूंगा ऐसी समस्याओं का निदान सब-स्टेशन से सम्बन्धित होते है एक ही काम के लिए मुझे आप कई बार फोन मत किया करो । महोदय क्षेत्र के जन प्रतिनिधि से श्री राजनीश चन्द्र अनुरागी अधिषाशी अभियन्ता द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाना अनुचित है इन्होने मेरे अधिकारो का हनन किया है, जनहित में इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करके अन्यंत्र स्थानान्तरित किया जाना नितान्त आवश्यक है ।
अतः पत्र में वर्णित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए श्री राजनीश चन्द्र अनुरागी अधिषाशी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड हसनगंज उन्नाव द्वारा जन प्रतिनिधि से असंसदीय भाषा को प्रयोग किया है तथा साथ ही साथ अपने दायित्यों का निर्वाहन करने में अक्षम प्रतीत हो रहे है जिसके कारण जनहित से जुडे कार्य कर पाना सम्भव प्रतीत नही हो पा रहा है। अतः श्री राजनीश चन्द्र अनुरागी अधिषाशी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड हसनगंज उन्नाव को अन्यंत्र स्थानान्तरित करके इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें।
अफसरों मंत्रियों में सामंजस्य नहीं!
यूपी की अफसरशाही से राज्य मंत्री दिनेश खटीक या बंबा लाल दिवाकर ही नहीं कई बड़े नेता भी नाराज हैं. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य नहीं पट रही है. बताया जाता है की आबकारी विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल की संजय भूसरेड्डी से नहीं जम रही है. यह चंद नाम हैं, जो खुलकर सामने आ रहे हैं, इसकी फेहरिस्त लंबी है जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फैसला लेना होगा कि बेलगाम अफसरशाही पर कैसे नकेल कसी जाए.