Basti News: भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी की कार ने बच्चे को रौंदा, लोगों का आरोप हादसे के बाद भी नहीं रोकी कार

Basti News: बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी की फारचूनर कार से दबकर कक्षा 2 के छात्र की मौत हो गई है। दुर्घटना होने के बाद सांसद गाड़ी लेकर फरार हो गए।

Report :  Amril Lal
Update: 2022-11-27 11:19 GMT

भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने बच्चे को रौंदा, सांसद के भागने से लोगों में आक्रोश (Pic: Social Media)

Basti News: जनपद में आज एक बड़े हादसे में बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी की फारचूनर कार से दबकर कक्षा 2 के छात्र की मौत हो गई है। दुर्घटना होने के बाद सांसद गाड़ी लेकर फरार हो गए। सांसद की संवेदनहीनता देखकर इलाके के लोग आक्रोश से भर गए। जबकि सत्ता के दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं होने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया। बाद में ग्रामीणों के विरोध करने पर कोतवाली पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी मीडिया को कोई बयान नहीं दे रहे हैं।

घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के हरदिया चौराहे की है। हैरानी की बात ये है कि इतने जिम्मेदार पद पर रहते हुए भी सांसद गैर जिम्मेदार नागरिक की तरह बच्चे को सड़क पर तड़पता हुआ छोड़कर चले गए। उन्होने गाड़ी से उतरकर बच्चे को अस्पताल पहुंचाने की जरूरत भी महसूस नही की।

घटना के बाद आनन फानन में परिजन और आसपास के लोग बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे। गंभीर हालत में डाक्टरों ने उसे यहां से लखनऊ रेफर कर दिया। कप्तानगंज पहुंचते ही बच्चे की मौत हो गई। कोतवाली थाना क्षेत्र के बसिया निवासी शत्रुघ्न राजभर का 9 वर्षीय बेटा अभिषेक प्राथमिक विद्यालय हरदिया बुजुर्ग में दूसरी कक्षा का छात्र था। 3 बजे छुट्टी होने पर बच्चों के साथ घर वापस जा रहा था।

सागर पेट्रोल पंप के निकट वह सफेद रंग की फारचूनर की चपेट में आ गया जो सांसद हरीश द्विवेदी की बताई जा रही है। इसके बाद जिला अस्पताल में परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। देर रात तक पुलिस के आला अफसर मान मनोवव्ल करते रहे। सांसद की संवेदनहीनता को लेकर पूरे इलाके में गुस्सा है। मृतक बालक अपने मां बाप का इकलौता बेटा था, उसकी 3 बहनें हैं। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने शत्रुघ्न की तहरीर पर धारा 279 तथा 304 ए के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।

वहीं परिजनों ने सीधा आरोप लगाया कि सांसद ने दुर्घटना होने के बाद 500 मीटर दूर जाकर गाड़ी रोककर देखा और चलते बने। सांसद को इतनी संवेदना नहीं कि मेरे बच्चे को उठाकर अस्पताल पहुंचा दें। खबर लिखे जाने तक सत्ता से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी इस मामले पर बयान देने से बचते नजर आए। इस संबंध में जब बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल नहीं उठा।

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