गोरखपुर: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कमल चिन्ह वाली 248 बाइकें खरीदी हैं। इन बाइकों को गोरखपुर के चंवरी जंगल में खड़ा किया गया है। सभी बाइक टीवीएस कंपनी की बताई जा रही है। लेकिन इन बाइकों की जानकारी देने से बीजेपी साफ़ इंकार कर रही है। उनका कहना है कि ये सभी बाइकें उनकी पार्टी ने नहीं मंगवाई है। जबकि इनमें से करीब 196 बाइकों का पंजीयन बीजेपी के क्षेत्रीय कार्यालय, गोरखपुर के बेनीगंज वाले पते पर हुआ है।
क्या है मामला ?
-खाली पड़े प्लाट में टेंट लगाकर गाड़ियों को रखा गया है।
-सभी गाड़ियां सफ़ेद रंग की हैं। बाइक की पेट्रोल टंकी पर कमल के फूल का निशान है।
-ड्यूटी पर तैनात गार्ड का कहना है कि उसे पता नहीं है कि गाड़ियां किसकी हैं।
-वह सिक्योरिटी एजेंसी की तरफ से ड्यूटी कर रहा है।
-पार्टी का चुनाव चिन्ह देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन बाइक का इस्तेमाल आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया जाएगा।
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किसकी है बाइक?
-गाडियों को बीजेपी के प्रचार वाहन की तरह बनाया गया है।
-गार्ड के अनुसार उसे 12 दिसंबर की शाम से ड्यूटी पर लगाया गया है।
-तब से वह इन बाइकों की निगरानी कर करा है।
-लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर यह सभी गाड़ियां बीजेपी की नहीं है तो फिर आखिर कमल निशान की ये 248 बाइकें कहा से आई।
क्या कहना है बीजेपी प्रवक्ता का?
-इस संबंध में बीजेपी प्रवक्ता डॉ. सत्येंद्र का कहना है कि पार्टी की तरफ से हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। ये गाड़ियां कहां से आई है।
-उन्होंने बताया की इन बाइकों का नोटबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।
-ऐसा भी हो सकता है कि कंपनी अपनी बाइकों में कमल का चिन्ह लगाकर अपनी कंपनी का प्रचार कर रही हो।
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क्या कहना है आरटीओ का?
-पूछे जाने पर सूरज रामपाल, आरटीओ का कहना है कि हमारे यहां 196 गाडियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है जो क्षेत्रीय कार्यालय बीजेपी बेनीगंज के नाम है।
-सभी बाइक गोरखपुर प्राइवेट लिमिटेड, बशारतपुर शाहपुर से खरीदी गई है।
-2 से 9 दिसंबर के बीच 196 टीवीएस स्पोर्ट्स बाइक का रजिस्ट्रेशन गोरखपुर के आरटीओ ऑफिस में हुआ है।
-हर बाइक की रजिस्ट्रेशन फीस 2,668 रुपए है, जो यहां जमा की गई है।
-इन सभी बाइकों को आरटीओ से यूपी 53 सीएच सीरीज का नंबर मिला है।